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सितंबर 2024 में भक्तों के कष्ट हरने आएंगे गणपति बप्पा, सुख-समृद्धि का देंगे आशीर्वाद!

 


सितंबर 2024 का महीना साल का नौवां महीना होता है जो हमें यह याद दिलाता है कि हम धीरे-धीरे इस वर्ष के अंत की तरफ बढ़ रहे हैं। इसी प्रकार, अगस्त को पीछे छोड़ते हुए सितंबर 2024 में प्रवेश के लिए पूरी तरह से तैयार है। हर इंसान की नए माह के साथ कुछ आशाएं एवं उम्मीदें जुड़ी होती हैं और यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। आपको बता दें कि इस बार सितंबर 2024 का महीना कई मायनों से बेहद ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस दौरान एक के बाद एक अनेक बड़े एवं प्रमुख पर्वों को मनाया जाएगा।



जो लोग हिंदू धर्म में आस्था एवं विश्वास रखते हैं, उनके लिए सितंबर का महीना महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इस माह में गणेश चतुर्थी से लेकर हरतालिका तीज जैसे बड़े पर्वों को मनाया जाएगा। इसके अलावा, धार्मिक दृष्टि से भी सितंबर 2024 का अपना एक अलग स्थान है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, साल के नौवें महीने में प्रवेश के साथ ही वर्ष के खत्म होने की उल्टी गिनती शुरू हो जाती है क्योंकि अब इस वर्ष की समाप्ति में सिर्फ 3 महीने ही रह जाते हैं। आइए अब हम बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले नज़र डालते हैं सितंबर महीने के पंचांग पर। 

सितंबर 2024 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना

सितंबर 2024 के पंचांग को देखें तो. वर्ष 2024 में सितंबर की शुरुआत अश्लेषा नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होगी और उसका अंत पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हो जाएगा। इस महीने कई महत्वपूर्ण पर्वों को मनाया जाएगा और इस ब्लॉग के माध्यम से हम उनके बारे में विस्तार से बताएंगे। लेकिन सबसे पहले आपको अवगत करवाते हैं सितंबर 2024 के पर्वों एवं व्रतों की तिथियों से।  


सितंबर 2024 में मनाए जाने वाले व्रत एवं त्योहारों की तिथियां 

हिंदू धर्म में प्रत्येक माह में अनेक व्रत, पर्व एवं त्योहार पड़ते हैं और इन सभी पर्वों को बेहद श्रद्धाभाव से मनाया जाता है। इस प्रकार, सितंबर 2024 में भी अनंत चतुर्दशी, हरतालिका तीज जैसे पावन त्योहारों को मनाया जाएगा। आइए आपको सितंबर 2024 के व्रत और त्योहार की तिथियों से रूबरू करवाते हैं। 

तिथिपर्व
01 सितंबर 2024, रविवारमासिक शिवरात्रि
02 सितंबर 2024, सोमवारभाद्रपद अमावस्या
06 सितंबर 2024, शुक्रवारहरतालिका तीज
07 सितंबर 2024, शनिवारगणेश चतुर्थी
14 सितंबर 2024, शनिवारपरिवर्तिनी एकादशी
15 सितंबर 2024, रविवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
15 सितंबर 2024, रविवारओणम/थिरुवोणम
16 सितंबर 2024, सोमवारकन्या संक्रांति
17 सितंबर 2024, मंगलवारअनंत चतुर्दशी
18 सितंबर 2024, बुधवारभाद्रपद पूर्णिमा व्रत
21 सितंबर 2024, शनिवारसंकष्टी चतुर्थी
28 सितंबर 2024, शनिवारइन्दिरा एकादशी
29 सितंबर 2024, रविवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
30 सितंबर 2024, सोमवारमासिक शिवरात्रि

सितंबर 2024 में मनाये जाने वाले व्रत एवं त्योहारों की तिथियों के बारे में जानकारी प्रदान करने के बाद चलिए जानते हैं इन त्योहारों का धार्मिक महत्व। 

सितंबर 2024 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व  

मासिक शिवरात्रि (01 सितंबर 2024, रविवार): मासिक शिवरात्रि का व्रत भी प्रदोष व्रत के समान ही भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए श्रेष्ठ होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को करने का विधान है। पौराणिक ग्रंथों में इस व्रत से जुड़ी मान्यता है कि जीवन में आने वाली सभी तरह की समस्याओं और कष्टों से मासिक शिवरात्रि का व्रत निजात दिलाता है। इसके अर्थ की बात करें, तो मासिक का अर्थ “महीने” से होता है और शिवरात्रि का संबंध भगवान शिव की “रात” से है।  

भाद्रपद अमावस्या (02 सितंबर 2024, सोमवार): सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को पितृ शांति, दान-पुण्य और काल सर्प जैसे दोषों से निवारण के लिए उत्तम माना गया है। बता दें कि भाद्रपद माह को भगवान कृष्ण की भक्ति का महीना कहा जाता है। इस वजह से भाद्रपद में आने वाली अमावस्या के महत्व में कई गुना वृद्धि हो जाती है। भाद्रपद अमावस्या पर कुशा को धार्मिक कार्यों के लिए इकट्ठा किया जाता है। मान्यता है कि भाद्रपद अमावस्या के दिन धार्मिक कार्यों व श्राद्ध कर्म में उपयोग की गई घास को एकत्रित करना शुभ होता है।

हरतालिका तीज (06 सितंबर 2024, शुक्रवार): हरतालिका तीज की गिनती हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख व्रतों में होती है। पंचांग के अनुसार, यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। शायद ही आप जानते होंगे कि भाद्रपद शुक्ल की तृतीया के दिन हस्त नक्षत्र में शिव जी और माता पार्वती की पूजा को शुभ माना जाता है। हरतालिका तीज का व्रत कुंवारी और विवाहित महिलाओं द्वारा किया जाता है। इस व्रत का पालन व्रती निराहार और निर्जल रहकर करता है। शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज व्रत को सर्वप्रथम माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था।

गणेश चतुर्थी (07 सितंबर 2024, शनिवार): पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाए जाने का विधान है। यह पर्व देशभर में बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भादो मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर हुआ था इसलिए इस तिथि को विघ्नहर्ता गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।  गणेश जी के भक्तों को गणेश चतुर्थी का इंतज़ार साल भर रहता है क्योंकि गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश 10 दिनों के लिए धरती पर अपने भक्तों के घर पधारते हैं। गणेश विसर्जन के साथ ही वह अगले साल आने का वादा करके अपने धाम लौट जाते हैं।

परिवर्तिनी एकादशी (14 सितंबर 2024, शनिवार): एक वर्ष में आने वाली सभी एकादशी तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। इन्हीं 24 एकादशी तिथियों में से एक परिवर्तिनी एकादशी है और इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। यह एकादशी भारत में कई जगहों पर पार्श्व एकादशी और पद्मा एकादशी के रूप में जानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस एकादशी पर भगवान विष्णु अपनी निद्रा अवस्था में करवट लेते हैं इसलिए यह परिवर्तिनी एकादशी कहलाती है। इस दिन उपवास करने और भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है और मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यह देवी लक्ष्मी का आह्लादकारी व्रत है इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजा भी सर्वश्रेष्ठ मानी गयी है।

प्रदोष व्रत (15 सितंबर 2024, रविवार): हिंदू पंचांग में हर मास में दो प्रदोष व्रत आते हैं पहला शुक्ल पक्ष और दूसरा, कृष्ण पक्ष में। इस व्रत को शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। यह व्रत मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत को करने से भक्त को उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। दक्षिण भारत के लोग प्रदोष व्रत को प्रदोषम के नाम से जानते हैं और इस व्रत को करने से कुंडली में उपस्थित चंद्र दोष और सर्प दोष दूर हो जाता है। साथ ही, रवि प्रदोष, सोम प्रदोष और शनि प्रदोष का व्रत पूर्ण होने से शीघ्र ही कार्य सिद्ध होकर शुभ फल की प्राप्ति होती है। 

ओणम (15 सितंबर 2024, रविवार): दक्षिण भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है थिरुवोणम जो कि बहुत ही उत्साह एवं जोश के साथ मनाया जाता है। थिरुवोणम की उत्पति दो शब्दों से मिलकर हुई है जिसमें ‘थिरु का अर्थ “पवित्र” से है और ओणम’ का अर्थ है संस्कृत भाषा के ‘श्री’ के समान माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, हर साल थिरुवोणम के दिन राजा महाबलि पाताल लोक से अपनी प्रजा से मिलने के लिए धरती पर आते हैं और उन्हें अपना आशीर्वाद देते हैं। इस पर्व से जुड़ी दूसरी मान्यता है कि थिरुवोणम के दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था। 

कन्या संक्रांति (16 सितंबर 2024, सोमवार): ज्योतिष शास्त्र में सूर्य महाराज को नवग्रहों के राजा कहा जाता है, तो वहीं सनातन धर्म में इनकी पूजा देवता के स्वरूप में की जाती हैं। इसी क्रम में, सूर्य देव प्रत्येक माह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और इनके इसी राशि परिवर्तन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। अब यह 16 सितंबर 2024 के दिन सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे इसलिए इस संक्रांति को कन्या संक्रांति कहा जाता है। जिस दिन सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं, वह तिथि सभी प्रकार के धार्मिक कार्यों तथा दान के लिए शुभ मानी जाती है।

अनंत चतुर्दशी (17 सितंबर 2024, मंगलवार): हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी की गिनती प्रमुख त्योहारों में होती है और इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा का विधान है। इस पर्व को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है जो कि हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा के बाद भक्त की बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है और यह कपास या रेशम से बना होता है। इस सूत्र में चौदह गांठें लगाई जाती हैं। भगवान विष्णु के अलावा अनंत चतुर्दशी का दिन गणेश जी के भक्तों के लिए भी खास होता है क्योंकि इस दिन बप्पा को 10 दिन अपने घर में रखने के बाद गणेश विसर्जन किया जाता है जिससे इस पर्व का महत्व बढ़ जाता है। 

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत (18 सितंबर 2024, बुधवार): प्रत्येक माह आने वाली हर पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि हर पूर्णिमा का अपना अलग स्थान है। इसी प्रकार, भाद्रपद पूर्णिमा को विशेष माना गया है और हर साल भाद्रपद माह में आने की वजह से इस पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा कहा जाता है। इस तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा का विधान है और साथ ही, भाद्रपद पूर्णिमा पर उमा-महेश्वर व्रत भी किया जाता है। इस दिन से ही पितृ पक्ष का आरंभ होता है और यह आश्विन अमावस्या पर समाप्त होते हैं।

संकष्टी चतुर्थी (21 सितंबर 2024, शनिवार): प्रदोष व्रत के समान ही संकष्टी चतुर्थी का व्रत बहुत मायने रखता है जो कि गणेश जी को समर्पित होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। यह व्रत प्रथम पूज्य गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त विधि-विधान से करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सच्चे हृदय से संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से मनुष्य जीवन की सभी समस्याओं और परेशानियों को गणपति बप्पा हर लेते हैं। 

इंदिरा एकादशी (28 सितंबर 2024, शनिवार): सितंबर 2024 में आने वाली दूसरी एकादशी इंदिरा एकादशी होगी। सनातन धर्म में इस एकादशी को महत्वपूर्ण माना जाता है और यह तिथि पितरों के उद्धार के लिए श्रेष्ठ होती है। ऐसा कहा जाता है कि इंदिरा एकादशी के दिन उपवास करने से मनुष्य की सात पीढ़ियों तक के पितरों को मोक्ष मिल जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इंदिरा एकादशी के दिन व्रत करने से भक्त के लिए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है और इस दिन भगवान शालिग्राम की पूजा का भी विधान है।

सितंबर 2024 में पड़ने वाले ग्रहण एवं होने वाले गोचर

सितंबर 2024 में मनाये जाने वाले पर्वों, त्योहारों और व्रतों की तिथियां आपको बताने के बाद अब हम आपको सितंबर 2024 में होने वाले ग्रहण और गोचर के बारे में अवगत कराएंगे। बता दें कि सितंबर के माह में 4 बड़े ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन देखने को मिलेगा जबकि एक ग्रह की स्थिति में बदलाव आएगा। हालांकि, ग्रहण की बात करें, तो इस महीने चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।

बुध का सिंह राशि में गोचर (04 सितंबर 2024): बुद्धि और वाणी के कारक ग्रह बुध 04 सितंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 31 मिनट पर कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 

बुध सिंह राशि में अस्त (14 सितंबर 2024): ग्रहों के राजकुमार के नाम से विख्यात बुध देव 14 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर सिंह राशि में अस्त हो जाएंगे।

सूर्य का कन्या राशि में गोचर (16 सितंबर 2024): वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को नवग्रहों के राजा कहा जाता है। ऐसे में, सूर्य महाराज 16 सितंबर 2024 की शाम 07 बजकर 29 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करेंगे।

शुक्र का तुला राशि में गोचर (18 सितंबर 2024): प्रेम, ऐश्वर्य एवं भोग-विलास के कारक ग्रह शुक्र 18 सितंबर 2024 की दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। 

बुध का कन्या राशि में गोचर (23 सितंबर 2024): बुध ग्रह 23 सितंबर 2024 की सुबह 09 बजकर 59 मिनट पर तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे और ऐसे में, इस गोचर का प्रभाव देश-दुनिया पर दिखाई देगा।  सितंबर में होने वाला बुध का यह दूसरा गोचर होगा। 

सितंबर 2024 में पड़ने वाले ग्रहण

वर्ष 2024 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024, बुधवार के दिन लगेगा जो कि कि आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण का आरंभ सुबह 07 बजकर 43 मिनट पर होगा जबकि इसका अंत सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर हो जाएगा। आपको बता दें कि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। 

धार्मिक दृष्टि से सितंबर का महत्व

हम यह बात भली-भांति जानते हैं कि हर महीने का अपना एक अलग महत्व होता है जो उसे अन्य सभी महीनों से अलग बनाता है। इसी प्रकार, सितंबर 2024 को भी धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना गया है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में जहां यह नौवां महीना होता है और वहीं, हिंदू वर्ष में यह सामान्य तौर पर भाद्रपद का महीना होता है जो कि अगस्त या सितंबर में आता है। इस साल भाद्रपद माह 20 अगस्त से लेकर 18 सितंबर तक रहेगा। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद साल का छठा महीना होता है और इस भाद्रपद या भादो भी कहा जाता है।

हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए भाद्रपद मास का विशेष महत्व है। यह माह भगवान कृष्ण को समर्पित होता है। भाद्रपद के महीने में श्री कृष्ण के साथ-साथ माँ पार्वती और भगवान शिव की आराधना करना फलदायी रहता है। शायद ही आपको पता होगा कि भाद्रपद का महीना चातुर्मास का दूसरा महीना होता है और इस माह में जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी और हरतालिका तीज जैसे बड़े पर्वों को मनाया जाता है। भादो के महीने में लड्डूगोपाल की पूजन से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

भाद्रपद माह के समाप्त होने के साथ ही 19 सितंबर 2024 को आश्विन मास की शुरुआत हो जाएगी और इसका अंत 17 अक्टूबर 2024 को होगा। हिंदू वर्ष का सातवां महीना आश्विन होता है और यह सितंबर से अक्टूबर के दौरान पड़ता है। विक्रम संवत में भाद्रपद माह की पूर्णिमा के बाद की पहली तिथि यानी कि प्रतिपदा तिथि से आश्विन माह शुरू होता है। इस महीने का नाम ‘अश्विनी’ नक्षत्र के नाम पर पड़ा है। बता दें कि जब हिंदू कैलेंडर में समय की गणना की जाती है, तो आश्विन नक्षत्र का उपयोग सभी 27 नक्षत्रों में पहले किया जाता है। 

अगर हम इसके महत्व की बात करें, तो जिस प्रकार सावन भगवान शिव और भाद्रपद श्रीकृष्ण का महीना माना गया है, ठीक इसी तरह आश्विन मास देवी दुर्गा को समर्पित होता है। शक्ति साधना का पर्व शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ही शुरू होता है और दशहरा के साथ इसका अंत होता है। यह नौ दिन देवी दुर्गा की आराधना के लिए श्रेष्ठ होते हैं और सर्वाधिक शुभ माने गए हैं। 

भाद्रपद 2024 के नियम

  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद के महीने में व्यक्ति को भूल से भी चावल या नारियल का तेल दान में नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य के जीवन में आर्थिक संकट पैदा होते हैं। 
  • भाद्रपद मास में दही, गुड़, मूली और बैंगन का सेवन करने से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि इस महीने में बारिश के बाद कीड़े हो जाते हैं जिससे बिमारियां फैलने का भय बना रहता है। 
  • इस महीने में किसी के द्वारा दिया गया चावल खाने से आपके धन-धान्य में कमी आती है। 

सितंबर 2024 के लिए शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी

जो जातक शेयर बाजार में रुचि रखते हैं या फिर जो शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आप नुकसान से डरते हैं और यह नहीं जानते हैं कि ऐसा करने के लिए कौन सा समय होगा अच्छा और किस समय आपको निवेश करने से होगा बचना, तो एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग का यह विशेष सेक्शन आपके लिए ही तैयार किया गया हैं जिसके माध्यम से हम आपको सितंबर महीने के लिए शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी प्रदान करेंगे। बता दें कि सितंबर का आगाज़ रविवार के दिन भाद्रपद के तहत होगा और इस माह में कन्या संक्रांति और भाद्रपद पूर्णिमा सबसे शुभ दिन होंगे। 

इस महीने ग्रहों की विशेष स्थिति होने की वजह से सितंबर 2024 की शुरुआत में शेयर बाजार में तेजी नज़र आएगी। इस दौरान राहु और बुध से जुड़े शेयरों के अलावा अन्य सभी शेयरों में उछाल देखने को मिलेगा। कंप्यूटर, कॉटन मिल्स, दूरसंचार, मोटर कार कंपनी, ट्रांसपोर्ट कंपनी और सौंदर्य प्रसाधन में भी ज्यादा नहीं लेकिन थोड़ी तेजी आने की संभावना है। 


सितंबर 2024 के लिए सभी 12 राशियों का राशिफल


मेष का मासिक राशिफल / Mesh Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
यह महीना मेष राशि के जातकों के लिए कुछ सावधानियां रखने वाला महीना होगा। वैसे तो आपको आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे और आपकी आमदनी बढ़ेगी क्योंकि पूरे महीने वक्री अवस्था में शनि महाराज अपनी ही राशि कुंभ में आपके एकादश भाव में विराजमान रहेंगे और आपकी आमदनी को निरंतर बढ़ाते रहेंगे। आपके पास एक से अधिक माध्यमों से धन प्राप्ति के योग बनेंगे। सूर्य महाराज भी महीने की शुरुआत में पंचम भाव में बैठकर आपके एकादश भाव को देखेंगे जिससे आमदनी से जुड़ी समस्याओं में कमी आएगी और आपको आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे। नौकरी करने वाले जातकों को कठिन प्रयास और कठिन मेहनत करने से गुजरना होगा। इसके लिए आपको तैयार रहना होगा। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीने की शुरुआत कुछ कमजोर रहेगी क्योंकि सप्तम भाव के स्वामी शुक्र महाराज भी छठे भाव में राहु और केतु के प्रभाव में रहेंगे और उन पर मंगल महाराज तथा बृहस्पति देव की दृष्टि भी होगी लेकिन 18 सितंबर से शुक्र अपनी ही राशि तुला में आपके सप्तम भाव में प्रवेश कर जाएंगे जिससे व्यापार से जुड़ी समस्याओं में कमी आएगी। विद्यार्थियों के लिए यह महीना अनुकूल रहेगा। पंचम भाव के स्वामी पंचम भाव में विराजमान रहकर आपको मजबूत दिशा दिखाएंगे और आप अपनी शिक्षा में कठिन मेहनत से आगे बढ़कर सफलता प्राप्त कर पाएंगे। प्रेम संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकता है, फिर भी आप अपने प्रियतम को खुश रखने की हर संभव कोशिश करेंगे। वैवाहिक जीवन में महीने का पूर्वार्ध कुछ कमजोर रहेगा लेकिन उत्तरार्ध में खुशियां आने लगेंगी। पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा और स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, फिर भी आपको एक बात के लिए तैयार रहना होगा, दशम भाव के स्वामी शनि महाराज वक्री अवस्था में एकादश भाव में विराजमान हैं और उन पर सूर्य देव की पंचम भाव से पूर्ण दृष्टि रहेगी। इसके परिणाम स्वरुप आपको अपने कार्यक्षेत्र में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और कठिन मेहनत भी करनी पड़ेगी। यह समय बहुत ज्यादा मेहनत का होगा इसलिए आपको डटकर मेहनत करनी है, तभी आप समस्याओं से बाहर निकल पाएंगे। हालांकि 16 सितंबर से सूर्य महाराज कन्या राशि में आपके छठे भाव में चले जाएंगे और तब आपकी नौकरी के लिए और भी अच्छे योग बनने शुरू हो जाएंगे, फिर भी महीने के पूर्वाद्ध में सूर्य महाराज शनि से और उत्तरार्ध में राहु के प्रभाव से कुछ हद तक पीड़ित भी हो सकते हैं इसलिए कार्यक्षेत्र में सावधानी रखनी अपेक्षित होगी। किसी के भी कहे सुनने में ना आएं और अपनी तरफ से किसी के भी बारे में ज्यादा बोलने से बचें।कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों का व्यवहार आपके लिए मिला जुला रहेगा। कुछ आपकी मदद करेंगे तो कुछ आपकी जड़ें खोदने का काम करेंगे इसलिए थोड़ी सावधानी रखकर आप इन समस्याओं से बच सकते हैं। यदि आप कोई व्यापार करते हैं तो महीने का पूर्वार्ध कुछ कमजोर रह सकता है। सप्तम भाव के स्वामी शुक्र महाराज छठे भाव में अपनी नीच राशि कन्या में विराजमान रहेंगे। उनके ऊपर मंगल और बृहस्पति की दृष्टि होगी तथा वह केतु के साथ विराजमान होकर पीड़ित अवस्था में होंगे इसलिए व्यापार में उतार-चढ़ाव की स्थितियां बनेंगी। आपकी योजनाओं को फलीभूत होने में समय लगेगा और उनमें कुछ रुकावटें आ सकती हैं। आपके कुछ विरोधी भी सर उठा सकते हैं इसलिए आपको सावधानी रखनी चाहिए। इस दौरान व्यावसायिक निवेश करने की सोच विकसित होगी जिसको ध्यान देकर आगे बढ़ना चाहिए। महीने के उत्तरार्द्ध में 18 सितंबर से शुक्र तुला राशि में आपके सप्तम भाव में आएंगे और पूरे महीने यहीं बने रहेंगे। इससे व्यापार में उन्नति होगी और कुछ नई योजनाएं शुरू होंगी। पुरानी योजनाओं पर जो विराम लगा हुआ था, वह भी अब दूर होगा और वे भी फिर से चालू हो जाएंगी। इससे आपके व्यवसाय में गति आएगी और आप उन्नति करेंगे।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना आर्थिक रूप से आपको खुशियां तो देगा क्योंकि वक्री शनि महाराज अपनी ही राशि कुंभ में एकादश भाव में पूरे महीने विराजमान रहेंगे जो आपको धन प्राप्ति के लिए दौड़ाते रहेंगे लेकिन इससे आपकी आमदनी में भी निरंतरता बनी रहेगी। आपकी दैनिक आमदनी भी अच्छी रहेगी और आमदनी में कोई कमी नहीं आएगी। पंचम भाव में बैठे सूर्य महाराज भी अपनी राशि में रहेंगे और आपको आर्थिक लाभ प्रदान करेंगे। सरकारी क्षेत्र से भी आपको लाभ प्राप्त हो सकता है। यह समय आपकी आर्थिक उन्नति को बढ़ाने वाला होगा लेकिन द्वादश भाव में पूरे महीने राहु की उपस्थिति होना आपके खर्चों का भी योग लगातार बनाए रखेगा। ऊपर से शुक्र भी महीने के पूर्वार्ध` में छठे भाव में ही होंगे जिससे खर्च भी लगातार बने रहेंगे। महीने के उत्तरार्ध में 16 सितंबर को सूर्य और 23 सितंबर को बुध के बीच छठे भाव में आकर द्वादश भाव को देखने से आपके खर्चों में तेजी और आने की संभावना बनेगी इसलिए आपकी आमदनी तो भले ही बेहतर हो लेकिन खर्च बहुत तेज गति से बढ़ेंगे, जिन पर नियंत्रण रखना आपके लिए बहुत आवश्यक होगा, अन्यथा आर्थिक चुनौतियां आपको परेशान कर सकती हैं।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ा कमजोर रहने की संभावना दिखाई दे रही है। राशि स्वामी मंगल तो तीसरे भाव में रहकर आपको भरपूर साहस और पराक्रम प्रदान करेंगे और आपकी स्वास्थ्य समस्याओं में कमी प्रदान करेंगे लेकिन दूसरे और सातवें भाव के स्वामी शुक्र महाराज छठे भाव में अपनी नीच राशि कन्या में केतु के साथ विराजमान रहेंगे और उन पर मंगल और बृहस्पति की दृष्टि होगी जिससे आपको पेट से संबंधित समस्याएं और जिन जातकों को मधुमेह की समस्या है, उन्हें ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अपने स्वास्थ्य और अपने खान-पान पर बराबर ध्यान दें। यदि आपकी कोई दवाई चल रही है तो उसे नियमित समय पर लेते रहें और भरपूर परहेज करें। इसी से आप इन समस्याओं से निकल पाएंगे। महीने के उत्तरार्ध में शुक्र यहां से निकल जाएंगे तो समस्याओं में कमी आएगी लेकिन सूर्य और बुध भी छठे भाव में आकर राहु केतु के प्रभाव में पीड़ित अवस्था में होंगे इसलिए इस पूरे महीने आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो महीने की शुरुआत में सूर्य और बुध आपके पंचम भाव में रहकर आपके प्रियतम से आपकी दूरियों को कम करेंगे। आपका आपसी तालमेल बेहतर बनेगा। आप अपनी बातों को खुलकर अपने प्रियतम से कह पाएंगे लेकिन शनि महाराज वक्री दृष्टि से पंचम भाव को देखेंगे जिससे किसी की नजर आपके प्यार को लग सकती है इसलिए प्यार के मामले में थोड़ी नरमी रखें और अपने प्रियतम से थोड़ा कम मिलें या मिलें भी तो लोगों को न बताएं क्योंकि ज्यादा लोगों को पता चलने से आपके रिश्ते में तनाव बढ़ सकता है। महीने के उत्तरार्ध में जब सूर्य कन्या राशि में 16 सितंबर को छठे भाव में चले जाएंगे, तब परिस्थितियां और बिगड़ सकती हैं और एक दूसरे से कहासुनी हो सकती है, फिर बुध महाराज 23 तारीख को आपके छठे भाव में चले जाएंगे, जहां पर सूर्य भी विराजमान होंगे तो इस स्थिति में हल्का सा सुधार होगा लेकिन आप कोई भी ऐसा काम ना करें, जिससे समाज में आपको अपमान सहना पड़े। आपसी समन्वय को बेहतर बनाएं और अपने रिश्ते में मर्यादित बने रहें। इसी से आपका रिश्ता बेहतर चल पाएगा। विवाहित जातकों की बात करें तो सप्तम भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने के पूर्वार्ध में पीड़ित अवस्था में छठे भाव में होंगे, जो आपके वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है और इससे आप दोनों के बीच तालमेल का अभाव रहेगा। रिश्ते में गर्मा-गर्मी बनी रहेगी और एक दूसरे को समझ पाने में भी समस्या होगी। इसका असर आपके पारिवारिक संबंधों पर पड़ेगा लेकिन 18 सितंबर से शुक्र तुला राशि में आपके सप्तम भाव में लौट आएंगे जिससे इन परिस्थितियों में सुधार आने लगेगा और आप अपने जीवनसाथी से अपनी समस्याओं को दूर करने की बराबर कोशिश करते रहेंगे और अपने वैवाहिक जीवन को और बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास करेंगे। संभव हो तो उनके लिए कुछ नए उपहार खरीद कर ला सकते हैं या उनके साथ कहीं बाहर जाकर कुछ समय बिताएं, इससे आपका रिश्ता और बेहतर बनेगा।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर सामान्य रहने की संभावना दिखाई दे रही है। दूसरे भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने की शुरुआत में छठे भाव में पीड़ित अवस्था में रहेंगे जिससे पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। कुछ संपत्ति या कुटुंबीय विवाद आपको परेशानी दे सकते हैं लेकिन देवगुरु बृहस्पति दूसरे भाव में रहकर इन समस्याओं से बाहर निकलने का रास्ता भी दिखाते रहेंगे। महीने की शुरुआत में पारिवारिक जीवन में थोड़ा तनाव ही रहेगा लेकिन उत्तरार्ध में चुनौतियां कम होंगी और स्थितियों में सुधार आने लगेगा। महीने के पूर्वार्ध में आपकी माताजी की सेहत भी बिगड़ सकती है इसलिए उनकी सेहत का बराबर ध्यान रखें। हालांकि महीने के उत्तरार्द्ध में उनकी सेहत में सुधार होगा और घर का माहौल भी हल्का हो जाएगा। आपके भाइयों से कुछ कहासुनी तो हो सकती है लेकिन समय के साथ वह आपकी मदद ही करेंगे इसलिए उन पर विश्वास रखें और आप भी यथासंभव उनकी सहायता करते रहें। इससे आपके बीच अच्छा सामंजस्य बना रहेगा जो परिवार की बेहतरी के लिए बेहद जरूरी होगा।
उपाय
आपको प्रतिदिन सूर्य को तांबे के पात्र से अर्घ्य देना चाहिए। अर्घ्य वाले जल में हल्दी लगे पीले चावल जरूर डालें।
बृहस्पतिवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा करें।
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए ऋण मोचक मंगल स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करें।
श्री मंगल महाराज जी के किसी भी मंत्र का नियमित रूप से जाप करें।


वृष का मासिक राशिफल / Vrishabha Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
यह महीना वृषभ राशि के जातकों के लिए अनुकूल रहने की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है। आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा और आप अपनी मेहनत के ही दम पर कार्यक्षेत्र में स्थिति को मजबूत बना पाएंगे। लेकिन महीने के पूर्वार्ध में सूर्य और शनि आमने-सामने होने से आपको अति आत्मविश्वास का शिकार होने से बचना चाहिए अन्यथा आपको कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। नौकरी में आपकी स्थिति मेहनती व्यक्ति की होगी। आप खूब मेहनत करेंगे। भले ही वह अभी लोगों को दिखाई ना दे लेकिन आने वाला समय आपका होने वाला है इसलिए लगातार मेहनत करना जारी रखें। व्यापार करने वाले जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति की कृपा और मंगल महाराज की स्थिति अनुकूलता लेकर आएगी और आपके व्यापार में अच्छी वृद्धि होने के योग बनेंगे। प्रेम संबंधों में प्रेम तो बढ़ेगा लेकिन बीच-बीच में कुछ खटास आने की स्थिति भी रहेगी। आपस में तल्ख़ियां बढ़ सकती हैं फिर भी आप अपने रिश्ते को संभालने का पूरा प्रयास करते नजर आएंगे। वैवाहिक संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। जीवनसाथी से आपका रिश्ता मजबूत बनेगा और अपने रिश्ते को लेकर आप काफी सहज होंगे। पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल के बाद थोड़ी शांति हो सकती है। भाई-बहनों का सहयोग आपके साथ रहने वाला है। मित्रों के सहयोग से कामों में सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों को कुछ तकनीकी समस्याओं और मन की एकाग्रता भंग होने से समस्या हो सकती है इसलिए अपनी ओर से पूरी कोशिश करें। आपकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और खर्च भी नियंत्रण में रहेंगे जिससे आर्थिक तौर पर यह महीना अनुकूल रहेगा। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ी सावधानी रखनी अपेक्षित होगी क्योंकि आपका स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना ठीक-ठाक रहने की संभावना है। दशम भाव के स्वामी शनि महाराज वक्री अवस्था में दशम भाव में ही विराजमान रहने वाले हैं जिससे कार्यक्षेत्र में आपको जमकर पसीना बहाना होगा। आपको बहुत मेहनत करनी होगी। आपके ऊपर काम का दबाव भी ज्यादा हो सकता है और आपको लगेगा कि आप एक से अधिक लोगों का काम कर रहे हैं। आपकी यह मेहनत अभी लोगों को दिखाई नहीं देगी। ऐसा आपको लगेगा लेकिन आप धैर्य बनाए रखें और अपने काम में लग रहें।आने वाला समय आपका है इसलिए आपकी मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी और आपको अच्छी सफलता प्रदान करेगी। छठे भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने के पूर्वार्ध में केतु महाराज के साथ पंचम भाव में विराजमान होंगे जिससे नौकरी में बदलाव का मन भी करेगा और उसके लिए कुछ प्रयास भी करेंगे लेकिन पूर्ण रूप से अभी सफलता मिलने में संदेह रहेगा। 18 सितंबर से शुक्र महाराज तुला राशि में छठे भाव में अपनी ही राशि में आ जाएंगे जिससे नौकरी में स्थिरता और अनुकूलता भर जाएगी और आपकी चुनौतियों में कमी आएगी। आप अपने काम को मन लगाकर करेंगे जिससे समस्याएं दूर होंगी। व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह महीना अनुकूल रहने वाला है। देवगुरु बृहस्पति पूरे महीने प्रथम भाव में बैठकर आपके सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे और आपके व्यापार को समृद्धि प्रदान करेंगे। आपकी सोच और समझ विकसित होगी। आपके द्वारा लिए गए निर्णय आपके व्यापार के लिए अनुकूल साबित होंगे और इससे समाज में आपको और आपके व्यापार को एक अलग जगह मिलेगी। आपके विरोधी चारों खाने चित्त होंगे और आपके व्यापार में उन्नति बढ़ेगी। सप्तम भाव के स्वामी मंगल महाराज महीने की शुरुआत से ही आपके द्वितीय भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आपको थोड़ा वाणी पर ध्यान देना होगा। यदि आप ऐसा करते हैं तो यह व्यवसाय आपको अच्छी उन्नति और आर्थिक प्रगति प्रदान करेगा।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो तो यह महीना आपके लिए अच्छी प्रगति का संदेश लेकर आ रहा है। एकादश भाव में पूरे महीने राहु महाराज विराजमान रहेंगे और शुक्र भी पंचम भाव में बैठकर महीने की शुरुआत में एकादश भाव को देखेंगे। इससे आर्थिक समस्याओं में कमियां आएगी और आपकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। देवगुरु बृहस्पति प्रथम भाव में और मंगल महाराज दूसरे भाव में रहकर आपकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आप विदेशी संपर्कों से भी लाभ कमा सकते हैं और विदेश में काम करते हैं या किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते हैं तो उससे भी आपको अच्छा धन लाभ प्राप्त हो सकता है। आपकी शुरुआती छोटी यात्राएं भी धन का लाभ लेकर आएंगी। व्यापार में भी उन्नति होगी और व्यापार से भी आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। 16 सितंबर से सूर्य और 23 सितंबर से बुध दोनों के कन्या राशि में आपके पंचम भाव में बैठकर एकादश भाव को देखने से आमदनी में और अच्छी बढ़ोतरी होने के योग बनेंगे। शुक्र महाराज 18 सितंबर से छठे भाव में आकर द्वादश भाव को देखेंगे जो कुछ सुख साधन साधनों पर खर्च करेंगे लेकिन आपके खर्च मुख्यता नियंत्रण में रहेंगे जो आपकी सबसे बड़ी जीत होगी और इस महीने आपकी आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार देखने को मिलेगा। व्यावसायिक निवेश के लिए समय अच्छा है लेकिन शेयर बाजार में खरीदारी करते समय सावधानी बरतें।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ा सावधानी रखने वाला महीना रहेगा। पंचम भाव में महीने की शुरुआत में शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे। उन पर मंगल और बृहस्पति की पूर्ण दृष्टि होगी और महीने के उत्तरार्ध में सूर्य और बुध पंचम भाव में आ जाएंगे। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आपको अपने उदर रोगों के प्रति सचेत रहना चाहिए क्योंकि पंचम भाव और कन्या राशि दोनों ही पीड़ित अवस्था में होंगे। ऐसे में आपको अपने खान-पान पर पूरा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि खाने-पीने की समस्याएं आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या दे सकती है। केतु की उपस्थिति होने के कारण उसे आसानी से जांच पाना संभव नहीं होगा और किसी प्रकार का संक्रमण भी हो सकता है इसलिए आपको अपनी ओर से स्वच्छ जल और पौष्टिक भोजन करना चाहिए, समय पर भोजन करना चाहिए और अपने खान-पान की आदतों में सुधार करना चाहिए। ऐसा करने से आप तंदुरुस्त जीवन बिता पाएंगे।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में है तो यह महीना आपकी बराबर परीक्षा लेगा। पंचम भाव में शुक्र महाराज अपने नीच राशि के होकर बैठेंगे और उन पर मंगल की पूर्ण दृष्टि होगी जिससे प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे। आपके रिश्ते में रूमानियत तो रहेगी लेकिन राहु केतु का प्रभाव और मंगल की दृष्टि होने के कारण आपस में रस्सा-कशी और छींटाकशी भी हो सकती है जो रिश्ते के लिए अनुकूल नहीं कहीं जा सकती है। आपकी प्रियतम का मन इन सभी बातों से खिन्न हो सकता है और इसका असर आपके रिश्ते को बिगाड़ सकता है। 16 सितंबर से सूर्य और 23 सितंबर से बुध पंचम भाव में प्रवेश करेंगे तब कुछ हद तक स्थितियों में सुधार होने के योग बनेंगे लेकिन आपको अपने प्रियतम के कुछ नखरे उठाने पड़ेंगे। यह कोई बड़ी बात भी नहीं है जिसे आप प्यार करते हैं उनके लिए इतना तो कर ही सकते हैं। ऐसा करने से आपका रिश्ता पहले की तरह खिलखिला उठेगा। विवाहित जातकों की बात करें तो सप्तम भाव पर पूरे महीने देवगुरु बृहस्पति की कृपा दृष्टि बनी रहेगी इसके परिणाम स्वरुप आपके रिश्ते में प्रेम और अपनेपन की भावना रहेगी। जीवनसाथी का सहयोगात्मक रवैया रहेगा। आप दोनों अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन भली प्रकार करेंगे। सप्तम भाव के स्वामी मंगल महाराज पूरे महीने आपके दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे जिससे पारिवारिक मामलों में जीवनसाथी का सीधा-सीधा दखल रहेगा। किसी भी बात से उन्हें नाराज ना करें जिससे परिवार की शांति भंग ना हो लेकिन देवगुरु बृहस्पति आपको शांति रखना, धैर्य का पालन करने, और परिस्थिति के अनुसार आचरण करने में मदद करेंगे। जिससे आपका वैवाहिक जीवन मधुरता की ओर बढ़ेगा।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर कुछ उथल-पुथल से भरा रहने वाला है। दूसरे भाव में महीने के दौरान मंगल महाराज विराजमान रहेंगे जिससे वाणी में कटुता आ सकती है और आप अपने ही लोगों को बुरा बना सकते हैं इसलिए किसी से भी उल्टा सीधा या गलत बोलने से बचें। मीठा बोलने से दुश्मन भी अपने बन जाते हैं और कड़वा बोलने से अपने भी पराए हो जाते हैं। इस बात पर आपको ध्यान देना होगा। इसके साथ ही महीने की शुरुआत में ही दूसरे भाव के स्वामी बुध महाराज आपके तीसरे भाव में विराजमान होंगे जिससे आप अपने भाई-बहनों की आर्थिक तौर पर मदद करेंगे, उनकी हर संभव सहायता करेंगे, उनके मन में आपके लिए स्नेह बढ़ेगा। बुध 4 सितंबर को सिंह राशि में प्रवेश करेंगे और तब भाई-बहनों से आपको सुख की प्राप्ति होगी और परिवार की खुशहाली में वह आपकी मदद करेंगे। इसके बाद 23 सितंबर को बुध कन्या राशि में पंचम भाव में प्रवेश कर जाएंगे और शुक्र छठे भाव में होंगे जिससे आपके किसी खास मित्र को आपसे मिलने में आपके भाई-बहनों का सहयोग रहेगा। सूर्य महाराज महीने के शुरुआत में आपके चतुर्थ भाव में होंगे और वक्री शनि की दृष्टि भी चतुर्थ भाव पर होगी जिससे माता-पिता को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। उसके बाद 16 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में चले जाएंगे और तब सूर्य और शनि का सौराष्टक योग बनेगा। इस दौरान अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और आवश्यक होने पर चिकित्सीय परामर्श अवश्य लें तथा उनका उपचार करें धीरे-धीरे पारिवारिक समरसता बढ़ेगी।
उपाय
प्रतिदिन श्री गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना आपके लिए लाभदायक रहेगा।
आपको शुक्रवार के दिन लाल गुड़हल का पुष्प मां दुर्गा जी को अर्पित करना चाहिए।
शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का प्रतिदिन जाप करना आपको उत्तम स्वास्थ्य और जीवन में सफलता प्रदान करेगा।
शनिवार के दिन श्री शनि चालीसा का पाठ करें और श्री बजरंग बाण का पाठ भी करें।



मिथुन का मासिक राशिफल / Mithun Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
यह महीना आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है लेकिन इस महीने आपके खर्च बढ़े हुए ही रहेंगे इस बात का आपको शुरू से ही ध्यान रखना चाहिए और पहले से ही अपने धन को किस तरह से इस्तेमाल करना है इस पर आपको ध्यान देना होगा अन्यथा आपको चुनौतियां परेशान कर सकती हैं। स्वास्थ्य पर भी आवश्यकता पड़ेगी कि आप ध्यान दें और बाहर का भोजन करने से परहेज करें। नौकरी के मामले में आप चतुराई तो दिखाएंगे लेकिन कभी-कभी ज्यादा चतुराई दिखाना नुकसानदायक हो जाता है इसलिए आपको बेहद समझदारी से काम लेना होगा ताकि कोई बड़ी समस्या आपको परेशान ना कर सके। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीना सामान्य रहेगा। व्यापार से संबंधित खर्च बढ़ेंगे लेकिन कुछ नए व्यावसायिक संबंध स्थापित हो सकते हैं। विदेशी माध्यमों से धन का आगमन हो सकता है और व्यापार में वृद्धि हो सकती है। प्रेम संबंधों के लिए यह महीना अनुकूल रह सकता है। विशेष रूप से महीने का उत्तरार्ध ज्यादा अनुकूल दिखाई देता है। वैवाहिक संबंधों में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपकी उग्रता आपके रिश्तों के लिए नुकसानदायक हो सकती है इसलिए आपको पूरी सावधानी दिखानी होगी। विद्यार्थी वर्ग के लिए महीना मध्यम रहेगा लेकिन आप अपनी मेहनत से अपने कल को बेहतर बना पाएंगे या नहीं, अपनी पढ़ाई में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे या नहीं, यह आपकी पढ़ाई पर निर्भर करता है। पारिवारिक जीवन में आपसी सामंजस्य की कमी रहेगी फिर भी प्रेम बना रहेगा और एक परिवार के लिए यह बेहद आवश्यक भी है इसलिए आपको अपने परिवार को एकजुट बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना मध्य रूप से फलदायक रहने की संभावना है। दशम भाव में पूरे महीने राहु महाराज विराजमान रहेंगे। जैसे हर काम को आप नई शॉर्टकट में करना पसंद करेंगे। कभी-कभी तो यह चीज आपको सफलता देगी लेकिन कभी-कभी आपको लेने के देने पड़ सकते हैं इसलिए सीधे रास्ते को अपनाकर मेहनत करें और पूरे मन से अपना काम करें। किसी की बिना वजह बुराई ना करें और किसी से कटु ना बोले तथा दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप करने से बचें। ऐसा करने से नौकरी में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। दशम भाव के स्वामी पूरे महीने द्वादश भाव में बने रहेंगे जिससे काम के सिलसिले में लंबी यात्राएं या विदेश जाना भी संभव हो सकता है। आप अति व्यस्त रहेंगे और परिवार के लिए समय कम निकाल पाएंगे। छठे भाव के स्वामी मंगल महाराज पूरे महीने आपके प्रथम भाव में रहेंगे जिससे आप अपनी नौकरी को लेकर दृढ़ प्रतिज्ञ रहेंगे और खूब मेहनत करेंगे। यदि व्यापार करने वाले जातकों की बात करें तो सप्तम भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे कुछ नए और विदेशी व्यावसायिक संबंध स्थापित हो सकते हैं। विदेशी माध्यमों से व्यापार में उल्लेखनीय सफलता मिल सकती है। मंगल महाराज के प्रथम भाव से बैठकर सप्तम भाव को देखने से आपको अपनी उग्रता और अपनी क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा अन्यथा यह आपके व्यापार के लिए नुकसानदायक स्थितियों को जन्म दे सकता है। नवम भाव में शनि महाराज अपनी ही राशि के वक्री अवस्था में विराजमान होने से आपको धीरे-धीरे भाग्य का साथ मिलेगा और आपके काम बनने लगेंगे। आपके रुकी हुई योजनाएं फिर से शुरू होंगी जिससे आपको धीरे-धीरे करियर में सफलता मिलनी शुरू हो जाएगी।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो तो आर्थिक मोर्चे पर यह महीना मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। देवगुरु बृहस्पति पूरे महीने द्वादश भाव में बने रहेंगे जो आपके खर्च कराएंगे लेकिन यह खर्च अच्छे कार्यों पर और आवश्यक कार्य पर होंगे। कुछ पूजा पाठ में भी और धार्मिक नीतियों पर भी हो सकते हैं इसलिए आपको संतुष्टि ही देंगे। महीने के पूर्वार्ध में सूर्य महाराज तीसरे भाव में बैठकर सरकारी क्षेत्र से लाभ के योग बनाएँगे तो शनि महाराज आपके भाग्य के स्वामी होकर अपनी ही राशि में नवम भाव में विराजमान रहेंगे और वहां से एकादश भाव को भी देखेंगे जिससे लगातार आपकी आमदनी बनी रहेगी और आपकी आर्थिक चुनौतियां कम होगी। आपके राशि स्वामी बुध महाराज भी महीने की शुरुआत में आपके द्वितीय भाव में और महीने के उत्तरार्ध में आपके चतुर्थ भाव में रहकर आपको सुख संपत्ति प्रदान करेंगे। इस महीने आपको नई संपत्ति, कोई वाहन, या अचल संपत्ति खरीद सकते हैं। व्यापार में भी विदेशी माध्यमों से लाभ के योग बनेंगे और आप चाहे तो महीने के उत्तरार्ध में अच्छी सलाह लेकर शेयर बाजार में भी निवेश कर सकते हैं।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से मध्यम रहने की संभावना है। उसकी वजह यह होगी कि आपकी राशि स्वामी बुध महाराज तो अच्छी स्थिति में रहेंगे जो महीने की शुरुआत में द्वितीय भाव उसके बाद 4 तारीख से आपके तृतीय भाव में सूर्य महाराज के साथ स्थित रहेंगे और उन पर शनि की पूर्ण दृष्टि होगी तथा 23 सितंबर से बुध कन्या राशि में सूर्य के साथ और केतु के साथ स्थित होंगे उन पर राहु मंगल और बृहस्पति की दृष्टियां होगी। इस कारण से राशि स्वामी महीने के उत्तरार्ध में पीड़ित हो सकते हैं तथा आपकी राशि में उग्र ग्रह और आपके छठे भाव के स्वामी मंगल महाराज विराजमान रहेंगे जो स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा दे सकते हैं। आपको त्वचा संबंधित समस्याएं या रक्तचाप से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इन सभी का समय पर उपचार करें। अच्छा भोजन करें। अच्छे दिनचर्या अपनाएँ इससे आपको स्वास्थ्य लाभ हो सकता है।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो तो यह महीना आपको अच्छी सफलता प्रदान कर सकता है। पंचम भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने के पूर्वार्ध में तो आपके चौथे भाव में विराजमान रहेंगे और उनके साथ केतु महाराज भी होंगे तथा मंगल और बृहस्पति की दृष्टि भी उसी पर होगी जिससे आप अपने प्रियतम से तरह-तरह की बातें करेंगे। उनके लिए कुछ भी कर लेंगे और आपके मन में उनको लेकर अनेक प्रकार के विचार जन्म लेंगे। जिसमें कुछ अच्छे और कुछ बुरे विचार हो सकते हैं। आपको कोशिश करनी चाहिए कि अपने विचारों को नियंत्रण में रखें और अपने प्रेम को महत्व दें। इसके बाद 18 सितंबर से शुक्र तुला राशि में पंचम भाव में आकर आपके प्रेम संबंधों को प्रगाढ़ बनाएगा। आपके रिश्ते में रूमानियत बढ़ेगी। आप दोनों के बीच आपसी समन्वय बेहतर होगा। अंतरंग संबंधों में बढ़ोतरी होगी। आप अपने रिश्ते को लेकर ज्यादा सजग और सचेत होंगे और इसके भविष्य को तलाशेंगे। विवाहित जातकों की बात करें तो आपको इस महीने काफी सावधानी रखने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि पूरे महीने उग्र स्वभाव वाले मंगल महाराज मिथुन राशि में यानी कि आपकी ही राशि में प्रथम भाव में रहेंगे और वहां से आपके सप्तम भाव पर दृष्टि डालेंगे जिससे पारिवारिक समस्याओं को छोड़ दे तो आप और आपके जीवनसाथी के मध्य तर्क बढ़ सकते हैं। एक दूसरे से कटाक्ष करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और आप ज्यादा उग्र होकर और गुस्से से बात करेंगे जो आपके रिश्ते के लिए नुकसानदायक रहेगा। आपके जीवन साथी इस दौरान कुछ धार्मिक हो सकते हैं और घर में पूजा पाठ का आयोजन कर सकते हैं। आपको इसमें उनकी सहभागिता करनी चाहिए और उनके कार्यों को समझकर उनकी मदद करनी चाहिए। समय निकालकर उनसे उनके मन की भी बात करें। क्रोध को नियंत्रण में रखें। मीठी वाणी बोलकर आप अपने रिश्ते को संभाल सकते हैं।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर कुछ उथल-पुथल के साथ आपसी प्रेम को बढ़ाए रखेगा। दूसरे भाव में महीने की शुरुआत में बुध महाराज विराजमान रहेंगे जो आपके परिवार को एकजुट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और यह आप ही होंगे जो अपने परिवार को संभालना चाहेंगे। इससे पारिवारिक जीवन में खुशियां रहेगी और आप अपने रिश्तों को लेकर सजग रहेंगे। परिवार में मीठा बोलने वाले लोग भी होंगे लेकिन बीच-बीच में आपका क्रोधी स्वभाव अड़चन बन सकता है इसलिए अपने क्रोध को एक तरफ रखकर अपने परिवार की बेहतरी के बारे में विचार करें। चौथे भाव में केतु शुक्र के साथ विराजमान होकर जिन पर मंगल और बृहस्पति की दृष्टि होगी इसलिए बीच-बीच में कुछ परेशानियों के बावजूद धीरे-धीरे स्थितियां संभल सकती हैं। आपकी माता जी का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है इसलिए आपको उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। चौथे भाव के स्वामी बुध महाराज के महीने के पूर्वार्ध में दूसरे भाव में और 23 सितंबर से चतुर्थ भाव में आ जाने से पारिवारिक जीवन में खुशहाली का माहौल फिर से जगमगा उठेगा और आप सभी प्रसन्नचित्त नजर आएंगे। भाई बहन आपको पूरी तरह से सहयोग देंगे। यदि वे किसी सरकारी सेवा में है तो यह समय उनकी उन्नति का समय होगा और इससे घर में भी खुशी का माहौल बनेगा। घर में कोई कार्यक्रम आयोजित हो सकता है जिसमें अनेक अतिथियों के आगमन से घर में रौनक लगी रहेगी और आप सभी खुश रहेंगे।
उपाय
आपको प्रतिदिन श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
अपने राशि स्वामी श्री बुध देव के बीज मंत्र का नियमित जाप करना आपके लिए बहुत लाभदायक रहेगा।
शुक्रवार के दिन स्फटिक की माला से मां महालक्ष्मी के किसी मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
शनिवार के दिन सरसों के तेल का दीपक संध्या काल में पीपल के वृक्ष के नीचे अवश्य जलाएं लेकिन वृक्ष से दूर रखें।




कर्क का मासिक राशिफल / Karka Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
यह महीना कर्क राशि के जातकों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है क्योंकि इस महीने आपको कई मामलों में सावधानी रखनी होगी और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। आपके करियर की बात करें तो नौकरी में स्थितियां ठीक ठाक रहेंगी। काम में आपकी अति व्यस्तता रहेगी। काम के सिलसिले में दूसरे शहर और दूसरे देश की यात्रा के योग बनेंगे जिससे आप थोड़ा थकान भी महसूस करेंगे लेकिन यह आपके काम के लिए बेहद अनुकूल स्थिति लेकर आएगा। इसके अतिरिक्त व्यापार करने वाले जातकों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और आपको सभी सरकारी नियमों का पालन करना होगा अन्यथा कोई ना कोई समस्या आपके सामने आ सकती है या कर से संबंधित कोई नोटिस भी आपको प्राप्त हो सकता है। प्रेम संबंधों के लिए महीना अनुकूल रहेगा। प्यार का माहौल रहेगा। देवगुरु बृहस्पति की कृपा से आपके प्रेम विवाह के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। विवाहित जातकों की बात करें तो आपके रिश्ते के लिए समय उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। जीवनसाथी का झुकाव अपने परिजनों की ओर ज्यादा होगा जिससे आप दोनों के बीच रस्साकशी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कभी-कभी वह कड़वी बातें भी कर सकते हैं जो भले ही सच हो लेकिन सुनने में बुरी लगेंगी और आप दोनों के संबंधों में तल्ख़ियां बढ़ सकती हैं इसलिए सावधानी रखना बेहतर होगा और वाद विवाद से बचना होगा। विद्यार्थियों के लिए महीना अनुकूल रहेगा। आप पढ़ाई में पूरा ध्यान लगा पाएंगे और इसके परिणाम स्वरुप अच्छे अंकों की प्राप्ति से आपका मन प्रसन्नचित्त हो जाएगा। पारिवारिक जीवन मध्यम रहेगा। धूप और छाव की स्थिति रहने वाली है। माता जी के स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आ सकती है। लंबी यात्राओं के योग बनेंगे। धार्मिक स्थलों की सैर भी करेंगे। विदेश यात्रा की स्थिति भी बन सकती है। स्वास्थ्य में कुछ कष्ट आ सकते हैं। यदि आपने अपने ऊपर ध्यान नहीं दिया तो इसलिए सेहत के प्रति सावधानी रखना बेहद आवश्यक होगा। आर्थिक स्तर पर आमदनी बढ़ेगी और खर्च भी बढ़ेंगे। उनके बीच संतुलन स्थापित करना आपके लिए महत्वपूर्ण होगा।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना वैसे तो अनुकूलता ही दिख रहा है क्योंकि दशम भाव के स्वामी मंगल महाराज पूरे महीने आपके द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आप काम में अपना सर्वस्व लगाएंगे और अपना शत प्रतिशत योगदान देंगे। जिससे काम में आपकी स्थिति मजबूत होने लगेगी। आप काम के सिलसिले में काफी भाग दौड़ करेंगे। एक शहर से दूसरे शहर जाना, अलग-अलग मीटिंग में जाना और विदेश यात्रा करना भी शामिल है। आप अति व्यस्तता के चलते परिवार से कुछ दूर हो सकते हैं लेकिन यह आपके काम और करियर के लिए बहुत बढ़िया समय रहेगा। छोटे भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति एकादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आपके वरिष्ठ अधिकारियों की कृपा आप पर बनी रहेगी और वह आपके काम से प्रसन्न रहेंगे और इसलिए समय-समय पर आपको प्रोत्साहन भी देते रहेंगे। देश के विपरीत व्यापार करने वाले जातकों को सावधानी रखने की आवश्यकता होगी। सप्तम भाव के स्वामी शनि महाराज पूरे महीने वक्री अवस्था में अष्टम भाव में होंगे और महीने के पूर्वार्ध में सूर्य महाराज दूसरे भाव से बैठकर शनि पर दृष्टि डालेंगे। जिससे सरकारी क्षेत्र के लोगों से कुछ अनबन हो सकती है और व्यापार में आपको दूरदर्शिता का परिचय देना होगा। कर चोरी जैसे मामलों से बचना ही हितकर होगा अन्यथा आपको भी नोटिस प्राप्त हो सकता है। अपनी उग्रता को नियंत्रण में रखें। व्यावसायिक साझेदार से भी सही व्यवहार करना और उन्हें बराबर महत्व देना आवश्यक होगा तभी आप अपने व्यापार में उन्नति कर पाएंगे। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य के तीसरे भाव में जाने से सरकारी क्षेत्र से लाभ प्रशस्त होगा। देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि सप्तम भाव पर होने से आप विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल बनाने में सक्षम हो जाएंगे और उससे आपका व्यापार ठीक-ठाक चलने लगेगा। किसी महत्वपूर्ण और रसूखदार व्यक्ति या वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग आपको मिलेगा जो आपके लिए मार्गदर्शक की तरह काम करेंगे। उनकी बातों पर ध्यान देकर उनका अनुसरण करके आप अपने व्यापार को और उन्नति की ओर ले जा सकते हैं।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना मध्य रूप से फलदायक रहने वाला है जहां एक तरफ दूसरे भाव में सूर्य महाराज महीने के पूर्वार्ध में रहेंगे तो वहीं देवगुरु बृहस्पति पूरे महीने एकादश भाव में विराजमान रहेंगे। यह आपके भाग्य स्थान के स्वामी भी हैं। इसकी बदौलत आपकी आर्थिक स्थिति बढ़िया होने से कोई नहीं रोक सकता। आपके पास बराबर आमदनी होगी। वह आमदनी आप भली प्रकार प्रयोग भी करेंगे और बैंक बैलेंस में भी बढ़ोतरी होगी। यानी आप धन संचित करने में भी सफल रहेंगे। सरकारी क्षेत्र से भी आपको लाभ मिलेगा लेकिन द्वादश भाव में पूरे महीने मंगल के बने रहने और अष्टम भाव में वक्री शनि की स्थिति के कारण खर्चे के योग भी लगातार बने रहने वाले हैं। इस प्रकार कहें तो एक तरफ से पैसा आएगा और दूसरी तरफ से पैसे जाने के योग भी बनेंगे। आपको अपने धन को सही तरह से प्रयोग करना चाहिए और अपने खर्चों को कुछ नियंत्रण में करना चाहिए। अति आवश्यक खर्च को ही करें। शेष खर्चों में कटौती करने की कोशिश करें और धन आने पर उसे बचत योजनाओं में भी निवेश करने पर ध्यान देंगे तो अच्छी आर्थिक स्थिति प्राप्त कर पाएंगे।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सावधानी रखने वाला महीना होगा। वैसे तो आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा लेकिन द्वादश भाव में मंगल महाराज विराजमान रहेंगे और वक्री शनि अष्टम भाव में रहेंगे। यदि आप अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही का रवैया अपनाते हैं तो यह समय कोई बड़ी बीमारी को जन्म दिला सकता है। लेकिन अगर आप अपने दिनचर्या पर और अपने खाने-पीने की आदतों पर ध्यान रखते हैं तो फिर किसी बड़ी समस्या में फंसने से बच जाएंगे और स्वास्थ्य की रक्षा होगी। आपको दूसरों के झगड़ों में नहीं पड़ना चाहिए ताकि किसी तरह की चोट या दुर्घटना की संभावना न रहे। महीने का उत्तरार्ध अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल रहने की संभावना है और तब आपका स्वास्थ्य पहले के मुकाबले और बेहतर हो सकता है।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आपके प्रेम जीवन की बात करें तो पंचम भाव के स्वामी मंगल महाराज महीने की शुरुआत से लेकर अंत तक आपके द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे हो सकता है कि किसी आवश्यक कार्यवश आपके प्रियतम को दूसरे शहर जाना पड़े और कुछ समय के लिए आप दोनों के बीच दूरी हो लेकिन देवगुरु बृहस्पति एकादश भाव में बैठकर पंचम और सप्तम भाव को समान दृष्टि से देखेंगे जिससे आपको यह लाभ होगा कि आपका प्रेम परिपक्व होगा। आप एक दूसरे पर निर्भरता बढ़ाएंगे, एक दूसरे पर विश्वास जमाएंगे, भले ही में कुछ समय के लिए आप इससे डर जाएं लेकिन आपका प्यार इससे कम नहीं होगा बल्कि उसमें बढ़ोतरी होगी। आप प्रेम विवाह के लिए अग्रसर होंगे और अपने प्रियतम से प्रेम विवाह की बात कर सकते हैं। जो दोनों की रजामंदी से प्रेम विवाह की ओर बढ़ सकती है और आने वाले महीना में आपका प्रेम विवाह भी हो सकता है। विवाहित जातकों की बात करें तो आपके लिए यह महीना सावधानी पूर्वक व्यतीत करने वाला होगा। वैसे तो सब कुछ ठीक-ठाक चलेगा लेकिन सप्तम भाव के स्वामी शनि महाराज पूरे महीने अष्टम भाव में वक्री अवस्था में रहेंगे जिस ससुराल पक्ष के लोगों से अच्छी बातचीत बनाए रखना आवश्यक होगा क्योंकि जीवनसाथी का झुकाव अपने परिवार की ओर ज्यादा रहने वाला है। ऊपर से सूर्य महाराज दूसरे भाव में बैठकर शनि महाराज को देखेंगे जो बीच-बीच में कुछ कड़वी बातें कर सकता है और मंगल की दृष्टि भी द्वादश भाव से सप्तम भाव पर होगी जिससे जीवनसाथी से कहा सुनी के भी योग बनेंगे लेकिन सबसे अच्छी बात यह है गुरुदेव की अमृत दृष्टि सप्तम भाव पर होने से विवाह की रक्षा करेगी और आपके बीच संबंधों को मधुर बनाने में सतत प्रयत्नशील रहेगी जिससे धीरे-धीरे आपका रिश्ता संभल जाएगा और आप एक दूसरे के साथ फिर से जुड़ाव महसूस करेंगे।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर मिश्रित परिणाम देने वाला महीना साबित होगा। दूसरे भाव के स्वामी सूर्य महाराज दूसरे ही भाव में विराजमान रहेंगे। यह एक अच्छी स्थिति है। इससे परिवार का यश बढ़ेगा, बुजुर्गों का सम्मान होगा, और सभी को यथायोग्य सम्मान और आधार की प्राप्ति होगी। परिवार में अपनत्व बना रहेगा लेकिन वक्री शनि महाराज अष्टम भाव में बैठकर सूर्य महाराज को देखेंगे जिस आपसी खींचतान होने के योग भी बनेंगे इसलिए बहुत सावधानी रखनी चाहिए। विशेष रूप से ससुराल के पक्ष के लोगों से कहा सुनी करने से बचें। महीने के उत्तार्ध में 16 सितंबर को सूर्य के तीसरे भाव में आ जाने से स्थितियों में और सुधार होने की उम्मीद बनेगी। शुक्र महाराज 18 सितंबर से आपके चौथे भाव में आ जाएंगे जो कि आपका चौथे भाव के स्वामी भी हैं। इससे पारिवारिक जीवन में समरसता प्रेम अपनापन बढ़ेगा। हालांकि महीने के पूर्वार्ध में आपकी माता जी को स्वास्थ्य समस्याएं घेर सकती हैं इसलिए उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 23 सितंबर को बुध महाराज भी कन्या राशि में तीसरे भाव में आ जाएंगे जहां पर सूर्य पहले से ही विराजमान होंगे। इससे भाई-बहनों से आपके संबंध और प्रगाढ़ होंगे, आपसी प्रेम की भावना बढ़ेगी, एक दूसरे को अपने विचारों से लाभान्वित करेंगे, और एक दूसरे के कार्य में मदद करेंगे जो एक अच्छे रिश्ते की और संकेत करता है। तीसरे भाव पर पूरे महीने देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि भी रहेगी जो आपको सफलता प्रदान करेंगे। मंगल महाराज की दृष्टि तीसरे भाव पर होने से बीच-बीच में भाइयों से कहा सुनी हो सकती है लेकिन देवगुरु बृहस्पति सब संभाल लेंगे।
उपाय
आपको प्रतिदिन श्री बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
श्री शंकर भगवान जी और पार्वती माता जी तथा श्री गणेश जी की पूजा नियमित रूप से करें।
चंद्र देव के बीज मंत्र का जाप करना भी आपके लिए अनुकूलता लेकर आएगा।
उत्तम गुणवत्ता वाला पुखराज रत्न सोने की मुद्रिका में जड़वा कर अपनी तर्जनी अंगुली में गुरुवार के दिन धारण करना लाभप्रद रहेगा।






सिंह का मासिक राशिफल / Simha Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
यह महीना आपके लिए अनेक प्रकार से शुभ परिणाम लेकर आने वाला है बस आपको अपनी काबिलियत पर विश्वास रखना है और हर मिलने वाले अवसर का भरपूर लाभ उठाने का प्रयास करना है। यह समझिए कि तरक्की का रास्ता आपके द्वार को खटखटाना वाला है और आपको बस दरवाजा खोलकर उसे लपक लेना है। जहां तक करियर की बात करें तो यह महीना आपको अच्छी सफलता प्रदान करेगा। आप अपनी नौकरी में भी अच्छी आमदनी प्राप्त कर पाएंगे और आपको कोई रुका हुआ वेतन या धन लाभ होने के योग बनेंगे। आपको नौकरी में तनख्वाह में वृद्धि का तोहफा भी मिल सकता है। आपकी स्थिति अनुकूल रहेगी, कठिन मेहनत और अपने अनुभव का लाभ उठाते हुए हर काम को मन से करेंगे जिससे आपको उसमें सफलता भी मिलेगी और प्रशंसा भी। व्यापार करने वाले जातकों को थोड़ी सी सावधानी के साथ आगे बढ़ना चाहिए। किसी भी सरकारी अधिकारी से अपने व्यवहार को बिगड़ने की बजाय शांतिपूर्वक हर मामले को संभालने की कोशिश करें इससे आपका व्यापार अच्छी उन्नति करेगा। आप मेहनती तो हैं ही बस अपनी मेहनत को सही दिशा में लगाएँ तो यह महीना व्यापार में सफलता देगा। प्रेम संबंधों के लिए महीना अनुकूल है बस आपकी प्रियतम को कभी-कभी ऐसा गुस्सा आ सकता है कि वह बिना बात के आपसे नाराज हो सकते हैं इससे आप भी थोड़े चिड़चिड़ा हो जाएंगे लेकिन प्यार एक ऐसा संबंध है जिसमें ऐसी घटनाएं तो हो सकती हैं इसलिए एक दूसरे को संभाले और अपने रिश्ते को अहमियत दें। विवाहित जातकों के लिए महीना शुरुआत में तनावपूर्ण रहेगा उसके बाद स्थितियां संभलने लगेंगी। महीने का उत्तरार्ध अपेक्षाकृत अनुकूल रहने वाला है। आर्थिक मामलों में यह महीना मध्यम रहेगी। आमदनी बढ़िया रहेगी। धन संचय की स्थिति भी बनेगी लेकिन खर्च भी बने रहने की संभावना है। पारिवारिक जीवन में खुशहाली रहेगी। छोटी-मोटी समस्याओं को छोड़ दें तो यह महीना पारिवारिक जीवन में खुशहाली लेकर आएगा। विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए खूब मेहनत करने के बाद आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। आपको स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं पर थोड़ा सा ध्यान देना होगा।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना अनुकूल रहने की संभावना है। दशम भाव में देवगुरु बृहस्पति विराजमान रहेंगे जो आपको नौकरी में अच्छी स्थिति प्रदान करेंगे। आप अपने अनुभव का लोहा मनवाएंगे और अपने अनुभव से हर काम को मन लगाकर करेंगे जिससे नौकरी में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। मनचाहे परिणाम मिलने से आपकी छवि भी मजबूत होगी और आपको प्रशंसा भी प्राप्त होगी। आपकी तनख्वाह में वृद्धि भी इस महीने आपको मिल सकती है और कोई पुराना रुका हुआ एरियर या वेतन भी आपको इस महीने मिल सकता है जिससे आपकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहेगा। दशम भाव के स्वामी शुक्र महाराज दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आप नौकरी को लेकर काफी आश्वस्त रहेंगे। परिवार के लोगों का सहयोग भी आपके काम को आगे बढ़ाने में रहेगा और वह आपको आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। छठे भाव के स्वामी शनि महाराज सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे जो आपसे कठिन मेहनत कराएंगे और इस कठिन मेहनत का फल भी आपको बराबर मिलता रहेगा। इससे नौकरी में आपकी स्थिति प्रबल हो जाएगी। व्यापार करने वाले जातकों की बात करें तो सप्तम भाव में शनि महाराज अपनी ही राशि के होकर वक्री अवस्था में विराजमान रहेंगे और आपकी राशि में सूर्य महाराज विराजमान होंगे। इस प्रकार सूर्य और शनि की समसप्तक की स्थिति रहेगी। यह स्थिति बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं कहीं जा सकती है इसलिए आपको सरकारी क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति से उलझने से बचना चाहिए और उनसे अच्छा व्यवहार करना चाहिए तथा अपने काम में मेहनत तो आप करेंगे ही लेकिन किसी को भी कड़वे वचन बोलने से बचें। अपने व्यापार में आप कुछ नई योजनाओं को अमली जामा पहनाने की कोशिश करेंगे जिसमें अभी कुछ समय लग सकता है। महीने के उत्तरार्ध में जब सूर्य 16 सितंबर से कन्या राशि में दूसरे भाव में चले जाएंगे तब इन परिस्थितियों में और सुधार आएगा तथा व्यापार तीव्र गति से आगे बढ़ने लगेगा। आपको विदेशी संपर्कों का कोई लाभ मिल सकता है। पूर्व में किए गए किसी निवेश से व्यापार में उन्नति हो सकती है। इसके अतिरिक्त कुछ नए संसाधनों पर काम करने का विचार आपको सफलता प्रदान करेगा।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो महीने की शुरुआत में बुध महाराज आपके द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे और खर्चों को बढ़ाएंगे। लेकिन 4 सितंबर से वह आपके प्रथम भाव में और 23 सितंबर से आपके दूसरे भाव में आकर आर्थिक स्थिति को बेहतरीन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके अतिरिक्त आपके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने के पूर्वाध में दूसरे भाव में बने रहेंगे जिससे आर्थिक स्थितियों और बेहतर होगी। धन संचय करने में आपको सफलता मिलेगी। आपको नौकरी से भी धन लाभ होगा उसे भी आप बचत में लगाने की कोशिश करेंगे और सफल रहेंगे। मंगल महाराज पूरे महीने आपके एकादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आपकी आमदनी लगातार बढ़ती रहेगी। देवगुरु बृहस्पति दशम भाव में बैठकर दूसरे भाव को पूर्ण पंचम दृष्टि से देखेंगे और आपकी आर्थिक उन्नति में सहयोग करेंगे। हालांकि इसी के बीच राहु महाराज पूरे महीना अष्टम भाव में विराजमान रहकर फिजूल के खर्च भी करेंगे। आपको इन बेवजह के खर्चों से बचने की कोशिश करनी चाहिए और अवांछित यात्राओं से भी बचना चाहिए। इससे न केवल स्वास्थ्य कष्ट हो सकते हैं बल्कि आपको आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर यह समझ जाएंगे तो फिर यह महीना धन की कोई कमी नहीं होने देगा।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से वैसे तो ठीक-ठाक रहने की संभावना है लेकिन अष्टम भाव में राहु महाराज की उपस्थिति होने से आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा फिजूल की यात्राएं करना आपको अत्यधिक थकान देने वाला और शारीरिक कष्ट देने वाला समय हो सकता है। दूसरे भाव में केतु और आठवें भाव में राहु की उपस्थिति से आपको फूड प्वाइजनिंग का खतरा भी हो सकता है इसलिए अपने भोजन को अच्छी तरह से जांच पर रख लें। समय पर भोजन करें। पर्याप्त मात्रा में भोजन करें। अत्यधिक भोजन करने से बचें। अत्यधिक तले-भुने पदार्थों के और तेज मसाले तथा बासी भोजन से परहेज करें। ऐसा करने से स्वास्थ्य समस्या नियंत्रण में रहेंगी और आपको कोई बहुत ज्यादा कष्ट नहीं उठाना पड़ेगा। महीने की शुरुआत में सूर्य महाराज आपके प्रथम भाव में होंगे जो कि आपकी राशि स्वामी भी हैं इससे स्वास्थ्य मजबूत बनेगा। पुरानी समस्याओं में कमी आएगी लेकिन महीने के उत्तरार्ध में सूर्य महाराज दूसरे भाव में जाएंगे और उन पर राहु केतु का प्रभाव रहेगा। जिससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी हो सकती है इसलिए ऐसे पदार्थ का सेवन करें जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं ताकि आप किसी भी रोग की चपेट में आने से बच जाएं। महीने के उत्तरार्ध में मंगल और बृहस्पति की दृष्टि सूर्य पर दूसरे भाव में होने से स्वास्थ्य में सुधार भी होगा और आप अपनी स्वयं की आत्म शक्ति के बल पर स्वस्थ हो जाएंगे।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आपके प्रेम जीवन की बात करें तो पंचम भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज दशम भाव में विराजमान रहेंगे और मंगल महाराज एकादश भाव से पंचम भाव को देखते रहेंगे। इन दोनों ही परिस्थितियों के कारण आपके प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव की स्थिति आएगी। आप बहुत कुछ करना चाहेंगे और अपने प्रियतम के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहेंगे लेकिन परिस्थितियों ऐसा नहीं करने देंगी। इससे आपके अंदर झुंझलाहट पैदा हो सकती है लेकिन इससे कुछ फायदा ना होकर नुकसान ही हो सकता है इसलिए अपने मनोभावों को नियंत्रण में रखें। जितना भी समय आप अपने प्रियतम से मिलें उनसे प्यार भरी और अच्छी बातें करें, उन पर किसी तरह को बोझ ना डालें और उन्हें दुखी करने की कोशिश ना करें। हर रिश्ते में ऐसा समय आता है इसलिए इस समय को व्यतीत हो जाने दें और अच्छे समय की प्रतीक्षा करें। वह अच्छा समय दूर नहीं है। धीरे-धीरे स्थितियां बदलने वाली है। 18 सितंबर से शुक्र के तुला राशि में तीसरे भाव में आ जाने से आपके मित्र आपके रिश्ते में अहम भूमिका निभाने लगेंगे और आपका कोई खास मित्र भी आपके निकट आएगा। यदि आप अभी तक अकेले हैं तो महीने के उत्तरार्ध में कोई आपके दिल में जगह बना सकता है। विवाहित जातकों की बात करें तो थोड़ी सावधानी रखनी जरूरी होगी क्योंकि सूर्य महाराज प्रथम भाव में और शनि महाराज वक्री अवस्था में सप्तम भाव में विराजमान होकर समसप्तक योग बनाएँगे जो की वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ा सकता है। अष्टम भाव में राहु की उपस्थिति भी होगी इसलिए ससुराल पक्ष से भी सामान्य व्यवहार करें और अपने जीवनसाथी से सामंजस्य पूर्ण व्यवहार करें। महीने के उत्तरार्ध में जब 16 सितंबर से सूर्य दूसरे भाव में चले जाएंगे तब आपकी स्थितियों में सुधार होने लगेगा। जीवनसाथी तो शुरू से ही आपसे पूर्ण विनम्रता से पेश आएंगे और आपके प्रति समर्पित भाव रखेंगे। बस आपको भी उन्हें अच्छा महसूस करना चाहिए इसी से आपका रिश्ता और बेहतर हो जाएगा।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर अनुकूल रहने की संभावना दिखाई देती है। महीने की शुरुआत में शुक्र महाराज केतु महाराज के साथ दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे। परिवार में प्रेम रहेगा। कोई बड़ा फंक्शन हो सकता है जिसमें लोगों के आगमन से घर में रौनक लगी रहेगी। मंगल महाराज एकादश भाव में बैठकर आपके दूसरे भाव को देखेंगे जिससे घर के लोगों को धन प्राप्ति के लिए ज्यादा प्रयास नहीं करने होंगे और घर की आर्थिक स्थिति अनुकूल रहेगी। दूसरे भाव के स्वामी बुध महाराज महीने की शुरुआत में द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे जिसse घर की जरूरत पर खर्च भी होंगे और बुद्ध महाराज 23 सितंबर को कन्या राशि में दूसरे भाव में आ जाएंगे जिससे कुटुंब को आपस में जोड़े रखना और आसान होगा। आपस में प्रेम भरी बातें आपके प्रिय जनों के बीच आत्मीयता बनाए रखेगी। चौथे भाव के स्वामी मंगल महाराज एकादश भाव में विराजमान रहेंगे। जिससे किसी संपत्ति के क्रय-विक्रय से घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। देवगुरु बृहस्पति पूरे महीने आपके चतुर्थ भाव को और द्वितीय भाव को देखेंगे जिससे पारिवारिक जीवन में संतुलन बना रहेगा और सभी के बीच प्रेम बढ़ेगा। शुक्र महाराज जो तीसरे भाव के स्वामी है महीने की शुरुआत में आपके दूसरे भाव में और 18 तारीख से तीसरे भाव में आ जाएंगे जिससे भाई बहनों को अनुकूलता मिलेगी। उनके कार्यों में आपको उन्हें अच्छी सफलता मिलेगी जिससे आपको भी प्रसन्नता होगी। वह महीने के पूर्वार्ध में आपकी सहायता करेंगे तो उत्तरार्ध में आप भी उनकी सहायता के लिए तत्पर रहेंगे। इससे आपके बीच अच्छा सामंजस्य दिखाई देगा जो आपके भाई बहनों को आपके और निकट लाकर खड़ा कर देगा और आपके आपसी संबंध सुधरेंगे।
उपाय
आपको प्रतिदिन सूर्य देव को तांबे के पात्र से अर्घ्य देना चाहिए।
प्रतिदिन सूर्य देव के बीज मंत्र का जाप करना भी आपके लिए लाभप्रद रहेगा।
उत्तम गुणवत्ता का लाल मूंगा रत्न तांबे की मुद्रिका में जड़वा कर मंगलवार के दिन अपनी अनामिका अंगुली में धारण करना बहुत फायदेमंद साबित होगा।
आपको भगवान श्री हरि विष्णु जी के सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।



कन्या का मासिक राशिफल / Kanya Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
कन्या राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। कुछ मामलों में आपको सतर्कता रखनी होगी लेकिन कुछ महीनो में आपके लिए या महीना बहुत बढ़िया भी रहेगा। नवम भाव में पूरे महीने देवगुरु बृहस्पति बने रहेंगे जिनकी दृष्टि आपकी राशि पर होगी जिससे आपको सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त नवम भाव के स्वामी शुक्र महाराज आपकी राशि में विराजमान रहेंगे जो राजयोग तरीके परिणाम प्रदान करने में सक्षम होंगे। वैसे राशि स्वामी बुध महीने की शुरुआत में एकादश भाव में रहेंगे जो आर्थिक स्थिति को बढ़िया बनाने में मदद करेंगे। हालांकि सूर्य द्वादश में और शनि छठे में होकर खर्चों में बढ़ोतरी भी कराते रहेंगे। नौकरी करने वाले जातकों को किसी भी तरह की कॉन्ट्रोवर्सी में पड़ने से बचना चाहिए। अगर वह ऐसा करने से बचते हैं तो यह महीना नौकरी में अच्छी सफलता प्रदान करेगा और आपके काम को तथा आपकी ऊर्जा को देखकर लोग प्रभावित होंगे। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीना अच्छा रहेगा। व्यवसायिक यात्राएं सफलता दायक रहेगी और आपके व्यापार को उन्नति दिलाने में सफलता मिलेगी। प्रेम संबंधों के लिए महीना पूर्वार्ध में मध्यम रहेगा लेकिन उत्तरार्ध में कुछ हद तक सुधार आने की योग बनेंगे। आपको अपने प्रियतम से कोई भी बात छिपानी नहीं चाहिए और जो भी बात आपके मन में चल रही हो उसे पूर्ण करने की कोशिश करें। किसी तरह का छिपाव रिश्ते में शक पैदा कर सकता है। विवाहित जातकों के लिए मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। एक तरफ तो आपके रिश्ते में प्रेम और रोमांस के योग बनेंगे तो दूसरी तरफ आपसी खींचातानी भी हो सकती है इसलिए सावधानी से चलें। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महीने की शुरुआत तो अनुकूल रहेगी लेकिन उत्तरार्ध में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। विद्यार्थियों को शिक्षा में अच्छे परिणाम मिलेंगे। अपनी एकाग्रता को बनाए रखने में आपको कुछ चुनौतियां महसूस होंगी लेकिन धीरे-धीरे आप गति और अपनी राह पकड़ लेंगे। पारिवारिक जीवन में कुछ हद तक खुशियां रहने वाली है। परिवार के लोगों का सहयोग आपके साथ रहेगा जिससे आपके कामों में आपको सफलता मिलेगी।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना कुछ अब तक अनुकूल रहने की संभावना दिखाई दे रही है। दशम भाव के स्वामी बुध महाराज महीने की शुरुआत में एकादश भाव में रहेंगे जो आपकी अच्छी स्थिति को दर्शाता है। आपकी हाज़िरजवाबी और संवाद शैली आपको अन्य लोगों से आगे रखेगी और इससे आपको कार्य क्षेत्र में अच्छी सफलता मिलेगी। 4 सितंबर को बुध सिंह राशि में द्वादश भाव में चले जाएंगे जिससे कार्यक्षेत्र को लेकर भागदौड़ और अति व्यस्तता शुरू हो जाएगी। आपको बहुत ज्यादा प्रयास करने होंगे अपने काम को पूर्ण करने के लिए। इस संबंध में आपकी अनेकों लंबी यात्राएं भी हो सकती हैं लेकिन आप अपने काम को तवज्जो देंगे और इसी से आपको फायदा होगा। 23 सितंबर को बुध कन्या राशि यानी कि आपकी ही राशि में प्रवेश कर जाएंगे। यह समय नौकरी के लिए और भी बेहतर रहने वाला है। आपको वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग भी मिलेगा और आपके काम में तरक्की होगी। छठे भाव के स्वामी शनि महाराज पूरे महीने छठे भाव में वक्री अवस्था में विराजमान रहने वाले हैं जिससे आपके ऊपर काम का दबाव तो रहेगा लेकिन आप मेहनत से पीछे हटने वाले नहीं हैं। किसी से आपको सफलता मिलेगी। सूर्य द्वादश भाव में बैठकर शनि पर दृष्टि डालेंगे जिससे महीने की शुरुआत में आपको किसी से भी कड़वे वचन बोलने से या लड़ाई झगड़ा करने से बचना चाहिए। महीने का उत्तरार्ध में जब सूर्य 16 तारीख को राशि परिवर्तन कर जाएंगे तब इस स्थिति इस पर भी सुधार हो जाएगा। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीना मध्य रहने वाला है। सप्तम भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति नवम भाव में विराजमान रहेंगे जो व्यवसाय से संबंधित यात्राएं कराएंगे लेकिन दूसरी तरफ पूरे महीने राहु महाराज सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे जो आपको अनियमितता से युक्त करेंगे आप अपने व्यापार में बराबर बड़ा बदलाव करते रहेंगे जो बदलाव कुछ अच्छे होंगे और कुछ प्रतिकूल भी हो सकते हैं इसलिए आपको सावधानी रखनी चाहिए और जल्दबाजी में अगर कोई भी निर्णय लेने से बचना चाहिए। महीने की शुरुआत में शुक्र महाराज की दृष्टि सप्तम भाव पर रहेगी जो व्यापार को कुछ हद तक अनुकूलता देगी। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य और बुध आपकी राशि में बैठकर सप्तम भाव को देखेंगे जिससे आप अपनी बुद्धिमानी से अपने व्यापार में चल रही समस्याओं को दूर करने में कामयाब रहेंगे। फिर भी राहु पूरे महीने सप्तम भाव में ही विराजमान रहेंगे जिससे उतार-चढ़ाव बने रहेंगे इसलिए सावधानी रखें।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह कहा जा सकता है कि महीने की शुरुआत में बुध महाराज एकादश भाव में विराजमान रहेंगे और आपकी आमदनी को बढ़ाने में कोई कमी नहीं रखेंगे लेकिन द्वादश भाव में सूर्य महाराज की उपस्थिति और उन पर शनि ग्रह की दृष्टि होना आपके खर्चों को भी बढ़ाने का काम करेगी। इसके बाद 4 सितंबर से आपके राशि स्वामी द्वादश भाव में चले जाएंगे जिससे खर्चों में और तेजी आने लगेगी और आमदनी में कुछ स्थिरता दिखेगी। इसके बाद 23 सितंबर को बुध भी सूर्य महाराज के साथ कन्या राशि में होंगे जिससे खर्चों पर नियंत्रण लगना शुरू हो जाएगा। आपकी आमदनी सामान्य रहेगी लेकिन वह भी आपके लिए पर्याप्त होगी क्योंकि खर्च नियंत्रण में रहेंगे। इस प्रकार यह महीना औसत होने वाला होगा। आपको महीने की शुरुआत में खर्चों पर ध्यान देना होगा। ऐसा करने से महीने का उत्तरार्ध आर्थिक तौर पर अच्छी स्थिति लेकर आ सकता है।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ठीक-ठाक रहने वाला है। राशि स्वामी महीने की शुरुआत में एकादश भाव में रहकर स्वास्थ्य को मजबूत बनाएंगे। देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि भी प्रथम भाव पर रहेगी जो स्वास्थ्य लाभ करने में मदद करेगी लेकिन राहु केतु के प्रभाव में आपकी राशि रहेगी तथा मंगल की दृष्टि भी उसी पर रहेगी और शनि भी वक्री अवस्था में छठे भाव में रहेंगे जो किसी न किसी स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकते हैं इसलिए आपको अपनी ओर से कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे आपको कोई परेशानी हो। आपको आंखों से संबंधित समस्या हो सकती है या फिर हड्डियों में या जोड़ों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। इनसे बचने के लिए भरपूर पौष्टिक मात्रा में भोजन करें और सुबह शाम अपनी आंखों को स्वच्छ जल से धोते रहें। सेहत के प्रति जागरूक बनें। चाहे तो सुबह की सैर अथवा व्यायाम भी कर सकते हैं। मानसिक तनाव को दूर करने के लिए ध्यान का सहारा लें।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में है तो महीने की शुरुआत में बुध महाराज और पूरे महीने देवगुरु बृहस्पति तथा मंगल महाराज की दृष्टि पंचम भाव पर बनी रहेगी। जैसे प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी। आप इस दौरान अपने प्रियतम से किसी भी बात को छिपाएँ नहीं क्योंकि ऐसा करने से उनके मन में शक पैदा होगा और वह गलतफहमियों के कारण आपके रिश्ते के लिए तनावपूर्ण स्थिति को जन्म दे सकता है। कोई भी बात हो चाहे वह अच्छी हो या बुरी हो आपको स्पष्ट रूप से आपकी प्रियतम से कहनी चाहिए अन्यथा आपके रिश्ते में तल्खियाँ बढ़ेंगी और एक दूसरे के प्रति गुस्सा बढ़ने से रिश्ते में टूटन की स्थिति बन सकती है। पंचम भाव के स्वामी शनि महाराज भी वक्री अवस्था में पूरे महीने छठे भाव में रहेंगे जो आपको उम्मीद देते रहेंगे कि आप प्रयास करेंगे तो आपका रिश्ता संभल जाएगा। इन्हीं बातों को आपको ध्यान में रखना है। 18 सितंबर से शुक्र दूसरे भाव में चले जाएंगे तब आप अपनी प्यार भरी बातों से अपने प्रियतम का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे और तब इन चुनौतियों से धीरे-धीरे बाहर निकल आएंगे। विवाहित जातकों की बात करें तो सप्तम भाव में पूरे महीने राहु महाराज विराजमान रहने वाले हैं और महीने के पूर्वार्ध में शुक्र ग्रह की दृष्टि सप्तम भाव पर रहेगी जिससे आप अपने वैवाहिक जीवन में कुछ हद तक रोमांटिक भी रहेंगे और अपने जीवनसाथी के लिए कुछ अच्छा भी करने की कोशिश करेंगे जिसको देखकर जीवनसाथी भी आपके प्रति सहानुभूति और प्रेम की भावना रखेंगे। सप्तम भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज नवम भाव में रहेंगे जिससे आप अपने पर जीवनसाथी के साथ लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। किसी धार्मिक स्थल की यात्रा भी कर सकते हैं। इससे आपके संबंध में नयापन आएगा और आप अपने रिश्ते को संभाल पाएंगे। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य और बुध दोनों ही आपकी राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वहां से उनकी दृष्टि सप्तम भाव पर होगी। जहां राहु बैठे होंगे। यह समय वैवाहिक जीवन में थोड़ा तनाव बढ़ा सकता है और जीवनसाथी से कहा सुनी हो सकती है इसलिए इस दौरान आपको धैर्य से काम लेना होगा।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर ठीक-ठाक रहने की संभावना है। दूसरे भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने की शुरुआत में आपकी ही राशि में विराजमान रहेंगे जिससे परिवार के लोग आपको हर काम में मदद करेंगे और परिवार का माहौल भी अनुकूल रहेगा। देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि भी प्रथम भाव पर रहेगी जो आपको सही निर्णय लेने में मदद करेगी। महीने के उत्तरार्ध में 18 सितंबर को शुक्र तुला राशि में आपके दूसरे भाव में जाएंगे। यह समय पारिवारिक जीवन में खुशहाली लेकर आएगा। आपस में प्रेम बढ़ेगा एक दूसरे को बराबर सम्मान की दृष्टि से देखा जाएगा और घर में खुशहाली रहेगी। घर में कोई फंक्शन भी आयोजित हो सकता है जिसमें अतिथियों का आगमन होगा और घर में खुशहाली होगी। किसी के विवाह की बात भी चल सकती है। चतुर्थ भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति नवम भाव में विराजमान रहेंगे। यह स्थिति भी पारिवारिक जीवन में खुशहाली दिखाती है। हालांकि दशम भाव में बैठे मंगल महाराज चतुर्थ दृष्टि से प्रथम भाव को और सप्तम दृष्टि से चतुर्थ भाव को देखेंगे जिससे बीच-बीच में कुछ गर्मागर्मी हो सकती है लेकिन इस सबके बावजूद पारिवारिक जीवन में प्रेम बना रहने की अच्छी संभावना दिखाई देती है। आपके भाई-बहन आपके कार्य में बराबर सहयोग करेंगे और उनकी सलाह अथवा सहायता से आपके काम में सफलता के योग बनेंगे। यदि आप अपने कार्यक्षेत्र में किसी समस्या या चुनौती से जूझ रहे हैं तो भाई बहनों की मदद ले सकते हैं। चाहे वह आपसे बड़े हो अथवा छोटा हो लेकिन उनकी कोई ना कोई बात ऐसी होगी जो आपकी लिए मददगार बन जाएगी।
उपाय
आपको श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का नियमित रूप से पाठ करना चाहिए।
बुध देव और शुक्र देव के बीज मंत्र का जाप करना आपके लिए बहुत लाभदायक रहेगा।
शनिवार के दिन चीटियों को आटा अवश्य डालें।
नागकेसर का पौधा किसी उद्यान में लगाएं।


तुला का मासिक राशिफल / Tula Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
तुला राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना खर्चों से भरा रहने वाला है। हालांकि आपकी आमदनी भी ठीक-ठाक रहेगी लेकिन खर्च जरूरत से ज्यादा हो सकते हैं जो आपको चिंता दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त आपको अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को भी गंभीरता से लेना होगा। बहुत समय हो गया जब आपको लापरवाही बरतते हुए लेकिन अब वह समय है कि जब आप अपनी सेहत पर ध्यान दें क्योंकि स्वास्थ्य समस्याएं आपको चारों तरफ से घेर सकती हैं और आपकी जरा सी लापरवाही आपके लिए नुकसानदायक बन सकती है। करियर की बात करें तो नौकरी करने वाले जातकों के लिए महीना अनुकूल है। आपकी मेहनत सफलता के द्वारा खोलेगी। आपको कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहना चाहिए। नौकरी में बदलाव करने के लिए भी यह समय बन रहा है लेकिन फिलहाल किसी नए बदलाव से बचें और जहां हैं वहीं बने रहें। व्यापार करने वाले जातकों के लिए लंबी यात्राओं का योग बनेगा और आपके व्यापार की उन्नति होगी। आपके नए संपर्क स्थापित होंगे जिनसे भविष्य में भी आपको लाभ होगा। सरकारी क्षेत्र से लाभ होने के योग भी बनेंगे। प्रेम संबंधों में तनाव और तकरार की स्थिति बनी रहेगी। एक दूसरे को समझ न पाने के कारण अहम का टकराव भी हो सकता है। विवाहित जातकों की बात करें तो आपके लिए महीने की शुरुआत से लेकर द्वितीय सप्ताह तक थोड़ा तनाव रहेगा उसके बाद स्थितियों में कुछ हद तक सुधार आने लगेगा। विद्यार्थी वर्ग को कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए इसलिए अपनी पढ़ाई पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दें। पारिवारिक जीवन में सुख संतोष रहेगा और यही एक ऐसा क्षेत्र होगा जिससे आप संतुष्ट दिखेंगे और आपको आपके परिवार के लोगों का सहयोग सभी कार्यों में मिलता रहेगा जो आपके आत्म बल को बनाए रखने में महत्वपूर्ण रहेगा। आपकी विदेश यात्रा के योग भी इस महीने बन सकते हैं।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना आपके लिए अनुकूल रहने की संभावना है। दशम भाव में महीने की शुरुआत में बुध महाराज विराजमान रहेंगे जो आपके भाग्य स्थान और द्वादश स्थान के स्वामी भी हैं। इससे भाग्य का सहयोग प्राप्त होगा। आपको नौकरी में अच्छी पदोन्नति मिल सकती है। आपको कुछ नए अवसर भी मिलेंगे की जप आपको नौकरी बदलने का मौका मिल सकता है लेकिन फिलहाल आपको इससे बचना चाहिए और जहां हैं वहीं पर बने रहना ज्यादा फायदेमंद होगा। भविष्य में आपको इसका और अधिक लाभ मिलने वाला है। आप अपनी हाजिर जवाबी और अपनी बुद्धिमत्ता के दम पर अपने कार्यक्षेत्र में अपनी अच्छी स्थिति बना पाने में सफल रहेंगे। आपके वरिष्ठ अधिकारी भी आपके काम से संतुष्ट दिखेंगे और आपको पुरस्कृत कर सकते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से सानिध्य बढ़ेगा और उनके द्वारा आपकी आमदनी में वृद्धि भी की जा सकती है जिससे आप बहुत प्रसन्न रहेंगे। छठे भाव में राहु महाराज पूरे महीने विराजमान रहने वाले हैं और छठे भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज पूरे महीने अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे। यह दोनों ग्रह स्थितियों बताती हैं कि किसी तरह का नया बदलाव आपके लिए लाभदायक नहीं है इसलिए जहां पर हैं आपको वहीं अपनी जगह पक्की करने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ विरोधी सिर उठा सकते हैं लेकिन आपको निश्चिंत रहना चाहिए क्योंकि वह मुंह की खाएंगे। व्यापार करने वाले जातकों की बात करें तो सप्तम भाव के स्वामी मंगल महाराज पूरे महीने आपके नवम भाव में रहेंगे जिससे व्यवसायिक यात्राओं की बढ़ोतरी होगी। व्यवसाय से संबंधित यात्रा करना आपको लाभ देगा और व्यवसाय में उन्नति भी प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त वक्री शनि महाराज की दृष्टि पूरे महीने आपके सप्तम भाव पर बनी रहेगी जिससे काम में दबाव भी रहेगा और आपको बहुत ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी। कई बार ऐसा लगेगा की मेहनत करने के बाद भी परिणाम नहीं मिल रहे हैं लेकिन आपको धैर्य रखना चाहिए। महीने के उत्तरार्ध में 18 तारीख को शुक्र महाराज आपकी राशि में यानी कि आपके प्रथम भाव में प्रवेश करेंगे और वहां से आपके सप्तम भाव को देखेंगे। यह समय व्यवसाय में और अच्छे बदलाव लेकर आएगा। व्यापार में अनुकूलता मिलेगी। कुछ नए व्यावसायिक संबंध स्थापित होंगे जिनका आपको बेहद लाभ मिलेगा और व्यवसाय में प्रगति होगी।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना खर्चों से भरा रहने वाला है। हालांकि आपकी आमदनी अच्छी होगी। महीने की शुरुआत में सरकारी क्षेत्र से भी लाभ मिल सकता है और वैसे भी आपको आमदनी लगातार प्राप्त होती रहेगी लेकिन पूरे महीने राहु केतु का प्रभाव द्वादश भाव पर होने से आपके खर्चों में बढ़ोतरी रहेगी। देवगुरु बृहस्पति भी अष्टम भाव में बैठकर आपके द्वादश भाव को देखेंगे और आपके खर्चों को बढ़ाएंगे और महीने के उत्तरार्ध में 16 तारीख से सूर्य भी द्वादश भाव में चले जाएंगे। इससे भी आपके खर्चे बढ़ेंगे लेकिन दूसरी ओर शनि महाराज पूरे महीने एकादश भाव पर दृष्टि डालकर आपकी आमदनी को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। मंगल की दृष्टि द्वादश भाव में होने से खर्चों में कटौती का कारण बनेगी। इसके अतिरिक्त देव गुरु बृहस्पति दूसरे भाव को देखेंगे जो अचानक से कुछ धन प्राप्ति करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इस महीने विदेश यात्रा पर भी खर्च हो सकता है। हालांकि बाद में उससे आपको धन प्राप्त भी होगा। आपको सावधानी के साथ आगे बढ़ना चाहिए। शेयर बाजार में निवेश करने के लिए यह समय उपयुक्त नहीं है इसलिए अपने हाथ पीछे खींच लेना ही बेहतर होगा। नौकरी करने वाले जातकों को धन लाभ होगा और आपकी तनख्वाह में वृद्धि हो सकती है।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ा कमजोर रहने की संभावना है। ग्रहों की गाठजोड़ आपको सेहत के प्रति जागरूक बनाने के लिए तत्पर है। पंचम भाव में वक्री शनि और उन पर सूर्य की दृष्टि होना, द्वादश भाव में महीने की शुरुआत में शुक्र और केतु का एक साथ स्थित होना, छठे भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज का अष्टम भाव में पूरे महीने विराजमान होना, यह सभी स्थितियां स्वास्थ्य को लेकर आपको यह संकेत दे रही है कि यदि आपने अब अपने बारे में नहीं सोचा और स्वास्थ्य को समय नहीं दिया तो आप किसी बड़ी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं और आप परेशानियों से घिर सकते हैं। सेहत को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आपको नई दिनचर्या अपनानी चाहिए। कोई बीमारी परेशान कर रही है तो तत्काल प्रभाव से उसका इलाज कराएं ताकि आपको समस्या ना हो। आपको पेट से जुड़ी समस्याएं विशेष रूप से और आंखों से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आपका प्रेम संबंधों की बात करें तो यह महीना तनाव और टकराव से भरा रहने वाला है। सूर्य और शनि का आमने-सामने का पंचम भाव पर प्रभाव आपके रिश्ते में अहम का टकराव लेकर आएगा। आप एक दूसरे को ठीक से समझ नहीं पाएंगे जिससे अहम का टकराव होता रहेगा और यह आपके रिश्ते के लिए किसी भी रूप में अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। आपको महीने के पूर्वार्ध में विशेष रूप से शांति और धैर्य का परिचय देना होगा। महीने के उत्तरार्ध में शुक्र आपकी राशि में प्रवेश करेंगे जो आपके दिल को प्यार से भर देंगे और सूर्य भी द्वादश भाव में चले जाएंगे तो शनि की दृष्टि से मुक्त होंगे। ऐसी स्थिति में प्रेम संबंधों में धीरे-धीरे समानता आएगी और आपको अपने रिश्ते में प्यार बढ़ाने का प्रयास करना होगा। विवाहित जातकों की बात करें तो यह महीना आपके लिए कुछ हद तक अनुकूल रह सकता है। हालांकि पूरे महीने वक्री शनि की दृष्टि सप्तम भाव पर रहेगी जो थोड़ा सा जीवनसाथी के व्यवहार को चिड़चिड़ा बनाएगी। लेकिन सप्तम भाव के स्वामी मंगल महाराज नवम भाव में विराजमान रहेंगे जिससे जीवन साथी साहस और पराक्रम के साथ अपनी सभी जिम्मेदारियां को पूर्ण रूप से निभाएंगे। आप उनके साथ कहीं लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। आपस में समय बिता कर भी आप अपने रिश्ते को परिपक्व बनाएंगे। महीने के उत्तरार्ध में 18 तारीख से शुक्र प्रथम भाव में बैठकर सप्तम भाव को देखेंगे और आपके रिश्ते को रूमानियत से भर देंगे। आपके रिश्ते में अपनापन और निकटता होगी, प्रेम होगा। इससे ज्यादा आपको अपने रिश्ते में और किसी चीज की आवश्यकता ही क्या है। वास्तव में महीने का उत्तरार्ध आपके लिए अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल रहने वाला है।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक जीवन के लिए अनुकूल रहने वाला है। पारिवारिक जीवन में खुशहाली रहने की संभावना है। दूसरे भाव के स्वामी मंगल महाराज पूरे महीने आपके नवम भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आप परिवार के साथ किसी लंबी यात्रा पर या किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। अथवा किसी साहसिक खेल में भाग ले सकते हैं। परिवार के लोग एकजुट रहेंगे और पूरी ईमानदारी और सामंजस्य के साथ परिवार की उन्नति में योगदान देंगे। चौथे भाव के स्वामी शनि महाराज पंचम भाव में वक्री अवस्था में विराजमान रहेंगे और उनके ऊपर महीने की शुरुआत में सूर्य देव की दृष्टि रहेगी जिससे पिता पुत्र के संबंधों में तनाव बढ़ सकता है और पिताजी को स्वास्थ्य कष्ट परेशान कर सकते हैं लेकिन महीने के उत्तरार्ध में सूर्य देव के द्वादश भाव में चले जाने से इन समस्याओं में कमी आएगी। चौथे भाव पर बुध महाराज 4 तारीख तक दृष्टि डालेंगे और मंगल की दृष्टि पूरे महीने चतुर्थ भाव पर बनी रहेगी। इसके अतिरिक्त देव गुरु बृहस्पति महाराज पूरे महीने दूसरे और चौथे भाव पर दृष्टि डालते रहेंगे। इससे परिवार में सौहार्द बढ़ेगा। परिजनों के बीच आपसी प्रेम और अपनत्व की भावना बढ़ेगी। एक दूसरे का मान सम्मान करेंगे। परिवार के वृद्ध सदस्यों का आशीर्वाद आपको हर काम में मिलेगा। आपके भाई बहनों को कुछ समस्याओं का सामना इस महीने करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको उनकी सहायता के लिए तत्पर रहना चाहिए।
उपाय
आपको शुक्रवार के दिन कन्या पूजन करना चाहिए।
आपके लिए प्रतिदिन नियमित रूप से श्री सूक्त का पाठ करना लाभदायक रहेगा।
एक अच्छे से श्री यंत्र की विधिपूर्वक स्थापना करके प्रतिदिन उसका नियम पूर्वक पूजन करना चाहिए।
शनिवार के दिन काली उड़द की दाल के वड़े बनाकर गरीबों में बांटने चाहिए।




वृश्चिक का मासिक राशिफल / Vrishchika Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
यह महीना वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अनेक मामलों में अनुकूल और लाभदायक रहने की संभावना दिखाई दे रही है इसलिए आपको अपनी क्षमताओं का दोहन करते हुए इस महीने के प्रत्येक दिन का लाभ उठाने की कोशिश करनी चाहिए। स्वास्थ्य के मामले में जरूर आपको ध्यान देना पड़ेगा क्योंकि राशि स्वामी और छठे भाव के स्वामी मंगल महाराज अष्टम भाव में पूरे महीने विराजमान रहेंगे इसलिए वाहन चलाने में सावधानी बरतना और स्वास्थ्य समस्याओं विशेष रूप से रक्त जनित समस्याओं के प्रति सावधानी बरतना अपेक्षित होगा। यदि आपके करियर की बात करें तो इस महीने नौकरी में विशेष सफलता मिल सकती है। आपके क्रियाकलाप आपको अन्य लोगों से आगे रखेंगे और नौकरी में आपकी स्थिति को प्रबल बनाएंगे। आप पदोन्नति के प्रबल दावेदार बनेंगे। व्यापार करने वाले जातकों को भी किसी अनुभवी व्यक्ति का भरपूर सहयोग और समर्थन मिलेगा जिससे व्यापार में भी आशातीत सफलता प्राप्ति के योग बन रहे हैं। प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव के बावजूद प्रेम और रोमांस के योग बनेंगे जो आपके रिश्ते को बनाए रखेंगे। वैवाहिक संबंधों में मधुरता आएगी और पति-पत्नी एक दूसरे से निकटता महसूस करेंगे। परिवार के प्रति जिम्मेदारियां भी सामने रहेंगी। पारिवारिक जीवन में थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव रहेगा। पिताजी को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों को तेज बुद्धि के बावजूद कुछ रुकावटें परेशान करेंगी। आपको एकाग्रता को बढ़ाना होगा। आर्थिक रूप से उन्नति मिलेगी और खर्चों पर नियंत्रण रहेगा। महीने के उत्तरार्ध में हल्के खर्च बढ़ सकते हैं लेकिन आपकी आमदनी अच्छी होने से आप प्रसन्नचित्त रहेंगे। विदेश यात्रा के योग भी बन सकते हैं।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना आपको कोई विशेष सफलता प्रदान कर सकता है। दशम भाव में दशम भाव के स्वामी सूर्य महाराज विराजमान रहेंगे जो अपनी राशि के होकर और दिगबली होकर आपको विशेष सफलता प्रदान कर सकते हैं। नौकरी में आपकी स्थिति को प्रबल बनाएंगे। अन्य लोगों से आपकी प्रशंसा अधिक होगी। आपको अधिक मान सम्मान और पद प्राप्ति का योग बन सकता है। पदोन्नति की दौड़ में आप सबसे आगे होंगे और ईश्वर की कृपा से आपको अच्छा पदोन्नति का लाभ भी मिल सकता है। आपकी तनख्वाह में भी वृद्धि के संकेत मिलते हैं। इसके अतिरिक्त महीने के उत्तरार्ध में भी जब सूर्य एकादश भाव में चले जाएंगे तब आपके वरिष्ठ अधिकारियों से भी आपका सामंजस्य पूर्ण व्यवहार उनको प्रभावित करेगा और आप उनकी कृपा के पात्र बनेंगे। छठे भाव के स्वामी मंगल महाराज अष्टम भाव में रहकर आपको कठिन चुनौतियों से जूझने वाला व्यक्ति बनाएंगे जिससे आप कार्यक्षेत्र की सभी मुश्किलों को दरकिनार करते हुए अपने करियर को मजबूत स्थिति में लेकर आ जाएंगे। सप्तम भाव में देवगुरु बृहस्पति पूरे महीने विराजमान रहेंगे और सप्तम भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने के पूर्वार्ध में एकादश भाव में विराजित रहेंगे जिससे व्यापार में आशातीत सफलता के योग बनेंगे। आपको अनुभवी व्यक्तियों का सहयोग और समर्थन मिलेगा। उनकी सलाह मानकर यदि आप व्यापार में आगे बढ़ते हैं तो आपको सफलता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता है। व्यापार से अच्छी सफलता प्राप्त होगी। महीने के उत्तरार्ध में जब शुक्र महाराज द्वादश भाव में 18 तारीख को चले जाएंगे तब विदेशी माध्यमों से भी आपके व्यापार को लाभ होने के योग बनेंगे। आप अपने व्यापार को विस्तार देने की योजनाओं को मूर्त रूप देने में कामयाब रहेंगे। इस प्रकार यह महीना आपको अच्छी सफलता प्रदान करेगा। महीने के उत्तरार्ध में सरकारी क्षेत्र से संबंधित कोई व्यापार आपको विशेष लाभ प्रदान कर सकता है। इस महीने के उत्तरार्ध में आप व्यापार के सिलसिले में विदेश यात्रा भी कर सकते हैं।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो तो यह महीना बहुत हद तक अनुकूल रहने की संभावना है। दूसरे भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति पहले, तीसरे और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डालेंगे। जिससे आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। मंगल महाराज अष्टम भाव में बैठकर गुप्त साधनों से आपको धन प्रदान कर सकते हैं अचानक से धन प्राप्ति के योग भी बनेंगे। महीने की शुरुआत में शुक्र और केतु एकादश भाव में रहकर भी आर्थिक स्थिति को बढ़िया बनाने में योगदान देंगे। 18 सितंबर से शुक्र के द्वादश भाव में जाने से कुछ खर्च बढ़ेंगे लेकिन सूर्य महाराज 16 सितंबर से एकादश भाव में जाकर सरकारी क्षेत्र से भी लाभ प्रदान करेंगे और आपकी आर्थिक उन्नति करने में आपको विशेष सहायता प्रदान करेंगे। 23 सितंबर से बुध महाराज भी कन्या राशि में यानी कि आपके एकादश भाव में आ जाएंगे। यही आपके एकादश भाव के स्वामी भी हैं तो नौकरी हो अथवा व्यापार दोनों ही क्षेत्र से आपको अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है। इस दौरान समझदारी दिखाते हुए शेयर बाजार में निवेश करने से लाभ प्राप्त हो सकता है।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कुछ सजग रहने वाला महीना रहेगा। वक्री शनि महाराज चौथे भाव में बैठकर विशेष रूप से आपके छठे भाव को देखेंगे। शनि के सामने सूर्य भी होंगे मंगल भी जो आपकी राशि के स्वामी और छठे भाव के स्वामी है। वह पूरे महीना अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे। शुक्र और केतु एकादश भाव में बैठकर पंचम भाव से राहु के माध्यम से संबंध बनाएँगे। इस प्रकार स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति सजगता आपको अनेक बड़ी चुनौतियों से बचा सकती है। इस महीने वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं क्योंकि किसी प्रकार की दुर्घटना या चोट लगने जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आपको रक्त जनित समस्याएं, अनियमित रक्तचाप या ऐसी ही कोई समस्या परेशान कर सकती है इसलिए आपको सावधानी बरतनी चाहिए। महीने के उत्तरार्ध में विशेष रूप से अंतिम सप्ताह के दौरान त्वचा संबंधित कोई एलर्जी या समस्या आपको परेशान कर सकती है।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो यह महीना आपके लिए अनुकूल रहेगा। वैसे तो थोड़े बहुत उतार-चढ़ाव रहेंगे क्योंकि पंचम भाव में पूरे महीने राहु और एकादश भाव में केतु विराजमान रहेंगे लेकिन महीने के पूर्वार्ध में शुक्र भी आपके एकादश भाव में बैठकर पंचम भाव को देखेंगे जिससे रिश्ते में रूमानियत भी रहेगी, प्रेम भी रहेगा और आपसी समझदारी का भाव भी होगा। लेकिन आपको अपने प्रियतम पर आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। यदि आपका रिश्ता नया है तो थोड़ी सावधानी दिखाएं क्योंकि वह स्वार्थ पारक बातें करके कुछ अपना लाभ आपसे पूरा कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको भी सजग रहना चाहिए। विवाहित जातकों के लिए यह महीना अनुकूल रहने की संभावना है। सप्तम भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने के पूर्वाद्ध में एकादश भाव में रहेंगे जिससे जीवनसाथी के माध्यम से आपको धन लाभ भी हो सकता है और समाज में मान सम्मान भी बढ़ सकता है। इसके अतिरिक्त पूरे महीने देवगुरु बृहस्पति आपके सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे जिससे वैवाहिक संबंधों में मधुरता रहेगी। आप और आपके जीवनसाथी के मध्य रिश्ते सुधारने शुरू होंगे और आपके संबंध सामान्य होंगे। आपके जीवन साथी पारिवारिक सुख शांति में अहम भूमिका निभाएंगे और अपनी जिम्मेदारियां का भरपूर निर्वहन करेंगे। इस प्रकार आप और आपके जीवन साथी मिलकर अपने वैवाहिक जीवन को इस महीने सुख पूर्वक व्यतीत कर पाएंगे।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर उतार चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। वैसे तो दूसरे भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति सप्तम भाव में विराजमान रहकर आपके तीसरे भाव, प्रथम भाव और एकादश भाव को देखेंगे जिससे परिवार को संभालने में आपका योगदान अहम हो जाएगा और आपके जीवनसाथी की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी और वह भी अपना पूरा योगदान देंगे लेकिन अष्टम भाव में बैठे मंगल महाराज की पूर्ण दृष्टि दूसरे भाव पर होगी जो कुटुंब के मामलों में कुछ गरमा-गरमी, बहस भी करा सकती है। इसके बावजूद भी आप अपने पारिवारिक जीवन को संभालने में कामयाब रह सकते हैं। चतुर्थ भाव में पूरे महीने शनि महाराज वक्री अवस्था में विराजमान रहेंगे तो दशम भाव में महीने के पूर्वार्ध में अपनी राशि के सूर्य महाराज विराजमान रहेंगे इससे माता-पिता को कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि यह परिवार की आर्थिक उन्नति का समय भी होगा और परिवार में कोई नई संपत्ति भी आ सकती है। आप अपने भाई बहनों का हित भी देखेंगे और उनकी यथा संभव सहायता करेंगे। वे भी कठिन परिश्रम करेंगे और परिवार की बेहतरीन में योगदान देंगे और उनकी वजह से आपको भी सुख की प्राप्ति होगी। महीने के उत्तरार्ध में पिताजी और माताजी के स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिल सकता है।
उपाय
आपको अपने राशि स्वामी श्री मंगल जी महाराज के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।
राहु के अनुकूल प्रभाव प्राप्त करने के लिए श्री दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ करें।
आपको उचित गुणवत्ता वाला सच्चा मोती चांदी की मुद्रिका में जड़वा कर अपने दाहिने हाथ की कनिष्ठिका अंगुली में सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।
श्री शिव रुद्राभिषेक संपन्न करने से आपको सभी प्रकार का लाभ प्राप्त होगा।



धनु का मासिक राशिफल / Dhanu Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
यह महीना धनु राशि का जातकों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। महीने की शुरुआत में आपको अपने कार्यक्षेत्र में ध्यान देना होगा। व्यर्थ की गप्पेबाजी करना और लोगों से जरूर से ज्यादा बातचीत करना आपको मुसीबत में डाल सकता है। आपका फोकस काम पर न होने की वजह से आपको कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार करने वाले जातकों को उग्रता से बचना चाहिए और अपने व्यावसायिक साझेदार से अच्छे संबंध बनाए रखना चाहिए नहीं तो आप दोनों के बीच कहासुनी से व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। महीने की शुरुआत व्यावसायिक संबंधों में परेशानी लाएगी। लेकिन 4 सितंबर से जब बुध का गोचर सिंह राशि में आपके नवम भाव में होगा तब से स्थितियों में बदलाव आना शुरू हो जाएगा। यह महीने के अंत तक जारी रहेगा और व्यापार में उत्तम लाभ के योग बनेंगे। प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। आप अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने में तत्पर रहेंगे। विवाहित जातकों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। आपसी टकराव संभव है। इससे जितना संभव हो सके बचने की कोशिश करें। विद्यार्थी वर्ग के लिए महीना अनुकूल रह सकता है और आपको अपने शिक्षा में कुछ कर दिखाने का मौका मिलेगा। पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहने की संभावना है। आपकी यात्राएं भी इस महीने काफी होने वाली है। स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी आवश्यक होगा। आर्थिक दृष्टिकोण से यह महीना मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। खर्च भी रहेंगे और आमदनी भी ठीक-ठाक रहने की संभावना है।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना शुरुआत से ही सावधानी रखने वाला महीना है। यदि आप नौकरी करते हैं तो आपको अपने कार्यक्षेत्र में सावधानी से व्यवहार करना चाहिए किसी से भी गप्पेबाजी करने से अपनी निजी बातें साझा करने से या व्यर्थ की बात करने से बचना चाहिए और दूसरी तरफ आपका मन भी काम में काम ही लगेगा। आप अन्य बातों में अधिक रुचि दिखाएंगे और काम में कम। इससे कार्यक्षेत्र में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपके वरिष्ठ अधिकारी आपसे असंतुष्ट हो सकते हैं। विशेष रूप से महीने के पूर्वार्ध में आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा। शुक्र और केतु महीने की शुरुआत से आपके दशम भाव में विराजमान रहेंगे और दशम भाव के स्वामी बुध महाराज महीने की शुरुआत में अष्टम भाव में रहेंगे जिससे समस्याएं बढ़ेंगी। छठे भाव के स्वामी शुक्र महाराज अपनी तरफ से कोशिश करेंगे कि आपके कार्यक्षेत्र में अच्छे परिणाम प्रदान करें लेकिन राहु केतु के प्रभाव से समस्याएं बढ़ सकती हैं। 4 सितंबर से बुध महाराज नवम भाव में जाएंगे तब कार्यक्षेत्र में बदलाव की स्थिति बन सकती है और आपको किसी नई नौकरी का अवसर मिल सकता है। इसके बाद महीने के उत्तरार्द्ध में 18 सितंबर से शुक्र महाराज आपके एकादश भाव में जाएंगे जिससे परिस्थितियों में अच्छा बदलाव देखने को मिलेगा और आपके वरिष्ठ अधिकारी आपके काम से संतुष्ट दिखेंगे। वह आपको हर संभव मदद देंगे जिससे आप अपने काम को और भी बेहतर तरीके से कर सकें। इससे आपकी उत्पादक क्षमता बढ़ेगी और आपकी गुणवत्ता में भी सुधार होगा। आपके काम की गुणवत्ता बढ़ने से न केवल आपके संस्थान को लाभ होगा बल्कि आपको भी महीने के उत्तरार्ध में कोई अच्छी उपलब्धि प्राप्त हो सकती है। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीने की शुरुआत कमजोर है। सप्तम भाव में मंगल महाराज विराजमान रहेंगे और सप्तम भाव के स्वामी बुध महाराज अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आपके व्यावसायिक साझेदार से संबंध बिगड़ सकते हैं और इसका नकारात्मक असर आपके व्यापार को प्रभावित कर सकता है इसलिए आपको सावधानी पूर्वक अपने व्यापार पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन 4 सितंबर से बुध महाराज आपके नवम भाव में जाएंगे जिससे व्यवसाय से संबंधित अनेक लोगों से मिलना जुलना होगा। नए संपर्क स्थापित होंगे। व्यवसाय से संबंधित यात्राएं में भी होंगी और उनसे आपको अच्छे परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे। फिर भी आपको अपने साथ काम करने वाले लोगों से अच्छा व्यवहार करने पर ध्यान देना चाहिए और उनमें से कोई उग्रता दिखाए तो शांति और धैर्य से कम लेकर ही समय व्यतीत करना ठीक होगा।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। इस महीने आपकी आमदनी और आपके खर्च दोनों ही बढ़े रहेंगे। छठे भाव में बैठे बृहस्पति महाराज आपके खर्चों को बढ़ाते रहेंगे। आपके पास किसी न किसी वजह से खर्च करने की स्थिति बनेगी। इसकी अतिरिक्त शनि महाराज भी वक्री अवस्था में तीसरे भाव में बैठकर द्वादश भाव को देखेंगे और खर्चों को बढ़ा सकते हैं। किसी के स्वास्थ्य पर भी खर्च हो सकता है। आप अपने भाई बहनों की भी आर्थिक मदद कर सकते हैं जिससे कुछ धन की आवश्यकता आपको पड़ेगी लेकिन महीने के उत्तरार्ध में 18 सितंबर से शुक्र एकादश भाव के स्वामी होकर एकादश भाव में विराजमान रहेंगे और आपकी आर्थिक स्थिति में इजाफा करना शुरू कर देंगे। इधर बुध भी 23 सितंबर से दशम भाव में होंगे और सूर्य भी महीने के पूर्वार्ध में नवम भाव में अपनी ही राशि सिंह में और उत्तरार्ध में दशम भाव में होकर आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में पूरी सहायता करेंगे जिससे आपकी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी और समस्याओं में कमी आएगी। आप शेयर बाजार को लेकर बहुत ज्यादा रिस्क लेने के प्रयास में रहेंगे इसलिए कोई बड़ा दांव खेलने से पहले सौ बार सोच लेना बेहतर होगा।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ा ध्यान रखने वाला ही होगा क्योंकि राशि स्वामी बृहस्पति स्वयं पूरे महीने छठे भाव में विराजमान रहेंगे जो की रोग का भाव भी है। ऐसे में आपको वास जनित पदार्थ से बचना चाहिए, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने, मोटापा बढ़ने या पेट से जुड़ी समस्याएं समस्या दे सकती हैं। वक्री शनि महाराज की दृष्टि भी आपके पंचम भाव पर रहेगी। बृहस्पति छठे भाव में और महीने की शुरुआत में मंगल सातवें और बुध आठवें भाव में रहेंगे। यह समय शारीरिक समस्याओं में बढ़ोतरी कर सकता है। हालांकि महीने के उत्तरार्ध में स्थित पहले के मुकाबले सुधर जाएगी और स्वास्थ्य लाभ होगा फिर भी आपको बीमारी का खतरा बना रहेगा क्योंकि राशि स्वामी पीड़ित अवस्था में होंगे। आपको अत्यधिक वसायुक्त पदार्थों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो आपके लिए महीना बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। पंचम भाव के स्वामी मंगल महाराज पूरे महीने आपके सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे इसलिए आप अपने प्यार को पाने के लिए सब कुछ करने को तैयार रहेंगे। आप उनसे अपनी शादी का प्रस्ताव भी रख सकते हैं और उनसे हर कीमत पर शादी करना चाहेंगे इसको लेकर आपको कुछ विरोध का सामना भी करना पड़ेगा। लेकिन आप किसी भी समस्या को बड़ा नहीं मानेंगे और डटे रहेंगे। वक्री शनिदेव की दृष्टि भी आपके पंचम भाव पर रहेगी जो बीच-बीच में आपकी प्रियतम को भी दुखी कर सकती है। लेकिन 18 सितंबर से शुक्र तुला राशि में बैठकर पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे तो यह समय आपके रिश्ते को प्रेम और जुड़ाव से भर देगा। आप एक दूसरे से अटूट प्रेम महसूस करेंगे और अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे जिसमें आपको सफलता मिल सकती है। विवाहित जातकों के लिए यह महीना शुरुआत में कुछ तनाव बढ़ने वाला हो सकता है। सप्तम भाव में मिथुन राशि में मंगल की उपस्थिति पारिवारिक जीवन में तनाव और टकराव बढ़ा सकती है। जीवनसाथी का रवैया आपको पसंद नहीं आएगा और आप दोनों के बीच लड़ाई झगड़ा हो सकती हैं। सप्तम भाव के स्वामी बुध महाराज भी अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे जो आपको परेशानी दे सकते हैं। लेकिन 4 सितंबर से बुध सिंह राशि में आ जाएंगे तब आप अपने जीवनसाथी के साथ लंबी यात्राओं पर जाएंगे। यात्राएं अच्छी होगी इसे आपको अच्छा समय मिलेगा और एक दूसरे को समझने और एक दूसरे की समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी लेकिन कुछ समय के लिए फिर से तनाव बढ़ सकता है क्योंकि यहां पर बैठे सूर्य पर शनि की पूर्ण दृष्टि होगी। 23 सितंबर से बुध कन्या राशि में दशम भाव में प्रवेश कर जाएंगे तब स्थितियों में अच्छा सुधार देखने को मिलेगा लेकिन इस पूरे ही महीने मंगल का प्रभाव सप्तम भाव और महीने के उत्तरार्ध में सप्तमेश बुध पर रहने के कारण मुंह जुबानी जंग जैसी स्थिति बनी रहेगी इसलिए सावधानी से बातचीत करना आपके रिश्ते को संभाल सकता है।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। दूसरे भाव के स्वामी शनि महाराज पूरे महीने वक्री अवस्था में तीसरे भाव में विराजमान रहेंगे। अष्टम भाव में बैठे बुध महाराज और छठे भाव में बैठे बृहस्पति महाराज की दृष्टि दूसरे भाव पर होगी जिससे स्थितियां धीरे-धीरे ठीक-ठाक भी रहेंगे। परिवार के लोग एक दूसरे को लेकर कुछ छींटाकशी कर सकते हैं। विशेष रूप से सप्तम भाव में बैठे मंगल महाराज की दृष्टि दूसरे भाव पर होने के कारण घर में कुछ गर्मागर्मी हो सकती है लेकिन परिस्थितियों को संभालने के लिए आपको प्रयास करने होंगे। चौथे भाव में राहु की उपस्थिति और दशम भाव में शुक्र और केतु का प्रभाव तथा मंगल और बृहस्पति की दशम भाव पर दृष्टि पारिवारिक जीवन में कुछ तनाव बढ़ा सकती है। माता-पिता का स्वास्थ्य भी पीड़ित हो सकता है। महीने के उत्तरार्ध में शुक्र एकादश भाव में जाएंगे तो सूर्य और बुध आपके दशम भाव में बैठेंगे जिससे पिताजी को स्वास्थ्य में लाभ होगा। घर में अच्छी स्थितियां बनेगी, कोई नई संपत्ति खरीद की योजना भी बन सकती है। घर की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और पिताजी अपनी समझदारी से परिवार का सही मार्गदर्शन करेंगे। फिर हल्की-फुल्की समस्याओं को छोड़कर कोई बड़ी समस्या नहीं दिखेगी और आप राहत की सांस लेंगे। भाइयों को उनके कार्यक्षेत्र में कठिन मेहनत करनी होगी लेकिन यह इस समय आवश्यक भी होगा। महीने की शुरुआत में आपसे उनके संबंध कुछ रूखे हो सकते हैं लेकिन महीने का उत्तरार्ध आते-आते उनमें फिर से नमी आ जाएगी और आप एक दूसरे से प्रेम महसूस करेंगे जो आपके परिवार को जोड़े रखेगा।
उपाय
प्रतिदिन अपने राशि स्वामी देव गुरु बृहस्पति के बीज मंत्र का जाप अवश्य करें।
बृहस्पतिवार के दिन ब्राह्मण अथवा विद्यार्थी को पाठ्य सामग्री भेंट करें।
बृहस्पतिवार के दिन केला वृक्ष और पीपल वृक्ष को जल चढ़ाएं लेकिन पीपल वृक्ष को स्पर्श न करें।
भगवान श्री हरि विष्णु जी और माता महालक्ष्मी की उपासना करें अथवा सियारामचंद्र जी की उपासना करना भी आपके लिए लाभदायक रहेगा।





मकर का मासिक राशिफल / Makara Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
यह महीना मकर राशि में जन्म लेने वाले जातकों के लिए कुछ उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। विशेष रूप से स्वास्थ्य को लेकर आपको समझदारी और सावधानी दोनों रखनी होगी। इस महीने सेहत से जुड़ी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। जहां तक आपके करियर का प्रश्न है तो करियर में महीने की शुरुआत में उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी। नौकरी में स्थानांतरण और बदलाव की स्थिति भी बन सकती है लेकिन महीने का उत्तरार्ध अपेक्षाकृत अनुकूल रहेगा और आपको नौकरी में अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी। आपको अपने कार्यक्षेत्र में व्यर्थ के वार्तालाप से बचना चाहिए क्योंकि यही एक समस्या है जो आपको कार्यक्षेत्र में परेशानी सकती है। अन्यथा आपका करियर बढ़िया चलेगा। व्यापार करने वाले जातकों को महीने की शुरुआत से ही व्यापार में नए सौदे प्राप्त होंगे और आपको अपने काम में इतनी व्यस्तता मिलेगी कि आप खुद हैरान रह जाएंगे। यह महीना आपके व्यापार में बांधे रखेगी और यह आपकी उन्नति के लिए अच्छा रहेगा। आर्थिक मोचन पर उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी। खर्च बराबर बने रहेंगे। आमदनी में भी उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी इसलिए अपने धन का सदुपयोग आपको ठीक से करना ही होगा। प्रेम संबंधों के लिए महीना अनुकूल है। आपका प्रेम संबंध अनुकूल चलेगा और आपके प्रियतम से आप और अधिक निकटता महसूस करेंगे। वैवाहिक संबंधों में भी प्रेम बढ़ेगा। महीने की शुरुआत में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। ससुराल पक्ष से कहा सुनी हो सकती है लेकिन महीने के उत्तरार्ध में स्थितियां और बेहतर हो जाएगी। विद्यार्थी वर्ग के लिए महीना अनुकूल है। आप अपनी शिक्षा में उल्लेखनीय प्रगति महसूस करेंगे। पारिवारिक जीवन मध्यम रहने की संभावना है। शिक्षा अथवा काम के संदर्भ में विदेश यात्रा हो सकती है।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना मध्य रूप से फलदायक रहने की संभावना है। दशम भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने की शुरुआत में नवम भाव में केतु महाराज के साथ विराजमान होंगे और उनके ऊपर मंगल और बृहस्पति की पूर्ण दृष्टि होगी। इस कारण से नौकरी में उतार-चढ़ाव की स्थिति रह सकती है। आपको किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरण का आदेश दिया जा सकता है। हो सकता है कि यह आदेश आपकी इच्छा के अनुकूल न हो। इसके अतिरिक्त आप नौकरी में बदलाव करने का प्रयास भी करेंगे जो कुछ हद तक सफल भी हो सकता है लेकिन हमारी सलाह है कि अभी जिस नौकरी में है वहीं पर बने रहना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद होगा। 18 सितंबर से शुक्र तुला राशि में आपके दशम भाव में प्रवेश करेंगे तब से आपको नौकरी में और बेहतरी देखने को मिलेगी लेकिन आपको गॉसिप करने से बचना चाहिए और अपने कार्यक्षेत्र में काम से काम रखना चाहिए। इसी से आप अपने काम में उम्मीद के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन कर पाने में कामयाब रहेंगे। छठे भाव में पूरे महीने मंगल महाराज उपस्थित रहेंगे और छठे भाव के स्वामी बुध महाराज महीने की शुरुआत में सप्तम भाव में उसके बाद 4 तारीख को अष्टम भाव में और 23 तारीख से नवम भाव में विराजमान रहेंगे जिससे नौकरी में उतार चढ़ाव की स्थितियां बनती रहेगी लेकिन इसी महीने आपको नौकरी में एक ऐसा पल भी आएगा जब आपको उल्लेखनीय प्रगति मिलेगी। व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह महीना किसी वरदान से कम नहीं है। यह पूरा महीना आपके व्यापार में व्यस्त रखेगा। सप्तम भाव में महीने की शुरुआत में बुध महाराज की उपस्थिति आपके व्यापार में वृद्धि का स्पष्ट संकेत देती है। तीसरे भाव में राहु का उपस्थित होना यह बताता है कि आप अपने व्यापार को लेकर कुछ नए जोखिम भी उठा सकते हैं। यह जोखिम व्यापार में अच्छी प्रगति के गवाह बनेंगे लेकिन सावधानी आवश्यक रखें। यह पूरा महीना व्यापारिक मामलों में आपकी सफलता का कारण बनेगा और आपको अनेक स्रोतों से व्यापार में अच्छे सौदे प्राप्त होने के योग बनेंगे जिससे आपके व्यापार की उन्नति होगी और आप भी प्रसन्नचित्त अनुभव करेंगे।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। आपके खर्च भी लगातार बने रहेंगे और आमदनी भी आती जाती रहेगी। आमदनी में भी उतार-चढ़ाव की स्थिति में बनेगी इसलिए आपको बहुत ही सावधानी से अपने धन का प्रबंधन और धन का सदुपयोग करने पर ध्यान देना चाहिए। वक्री शनि महाराज दूसरे भाव में अपनी ही राशि में पूरे महीने विराजमान रहेंगे जो आर्थिक स्थिति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे और आपको धन संचय करने के लिए प्रेरित करेंगे। लेकिन अन्य ग्रहों का प्रभाव आपके खर्च बढ़ाता रहेगा। छठे भाव में मंगल की उपस्थिति और शनि पर सूर्य का प्रभाव आपके खर्चों में वृद्धि का कारण बन सकते हैं। इसके विपरीत बृहस्पति महाराज पूरे महीने पंचम भाव में बैठकर आपके एकादश भाव को देखेंगे जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में इजाफा होगा और आपको धन लाभ होगा। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य भी नवम भाव में आ जाएंगे और शुक्र दशम भाव में अपनी राशि के होंगे तथा राहु तीसरे भाव में होंगे। यह स्थितियां भी आर्थिक लाभ करने में आपकी सहायता कर सकती हैं। इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले जातकों को और ऐसे सभी व्यक्ति जो किसी तरह के इवेंट मैनेजमेंट से संबंधित काम करते हैं उन्हें उत्तम लाभ प्राप्त हो सकता है।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। राशि स्वामी शनि महाराज वक्री अवस्था में दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे और महीने की शुरुआत में सूर्य महाराज अष्टम भाव में बैठकर उन पर दृष्टि डालेंगे जिससे स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव रहेंगे। मंगल महाराज छठे भाव में बैठकर आपका प्रथम भाव को देखेंगे यह भी स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। हालांकि देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि भी प्रथम भाव पर होने से कुछ हद तक स्वास्थ्य समस्याएं नियंत्रण में रह सकती हैं। फिर भी आपको थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ सकती है इसलिए ऐसे पदार्थ का सेवन करें जिससे आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सके और आप बीमारियों की चपेट में आने से बच सकें। महीने का उत्तरार्ध अपेक्षाकृत अनुकूल रहेगा और स्वास्थ्य में सुधार होगा।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो आपके लिए यह महीना अनुकूल रहने की संभावना है। पंचम भाव के स्वामी शुक्र महाराज का नवम भाव में होना, पंचम भाव में पूरे महीने देवगुरु बृहस्पति का होना और उनकी दृष्टि शुक्र महाराज पर होने के कारण प्रेम संबंधों में सफलता रहेगी। आप अपने प्रियतम के दिल से निकट रहेंगे। एक दूसरे की भावनाओं को महसूस कर पाएंगे। एक दूसरे के प्रति अपनी प्रेम भरी भावनाओं को भी समझ पाएंगे। आपके अंतरंग संबंधों में भी बढ़ोतरी होगी और आपके प्रेम विवाह के योग भी बन सकते हैं। इस महीने आप अपने प्यार को परवान चढ़ता हुआ देखेंगे। आपकी प्रियतम आपके साथ लंबी यात्राओं पर जाएंगे और एक दूसरे के साथ पर्याप्त समय बिताएंगे जो आपके रिश्ते को और बेहतर बनाने में मदद करेगा। विवाहित जातकों की बात करें तो आपके लिए भी यह महीना अनुकूल रहने वाला है लेकिन आपके ससुराल पक्ष और आपके परिवार के बीच कुछ कहा सुनी होने की संभावना है जिससे आपके रिश्ते पर भी असर आ सकता है इसलिए आपको बुद्धिमानी का परिचय देते हुए इन सब वाद विवाद से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए और घर के माहौल को आनंदित बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए। जीवनसाथी का व्यवसायिक रुझान देखकर आप उनके लिए कोई नया काम शुरू करने की बात कर सकते हैं। यदि वह पहले से ही किसी व्यापार को कर रहे हैं या नौकरी कर रहे हैं तो उन्हें इस दौरान अच्छी सफलता मिल सकती है। यह महीना आपके निजी संबंधों में प्रगाढ़ता लेकर आने वाला है।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर मध्य रहने की संभावना है। दूसरे भाव के स्वामी शनि महाराज दूसरे भाव में ही वक्री अवस्था में पूरे महीने विराजमान रहेंगे और उनके ऊपर अष्टम भाव में बैठे सूर्य महाराज की पूर्ण दृष्टि महीने की शुरुआत में पड़ने वाली है जिससे पारिवारिक जीवन में कुछ उथल-पुथल मचेगी और आपके परिवार और आपके जीवन साथी के परिवार यानी कि आपके ससुराल पक्ष के बीच कुछ कहा सुनी हो सकती हैं। हालांकि 16 सितंबर से जब सूर्य नवम भाव में चले जाएंगे तब इन परिस्थितियों में सुधार होगा वक्री शनि की दृष्टि आपके चतुर्थ भाव पर भी होगी और चतुर्थ भाव के स्वामी मंगल महाराज पूरे महीने छठे भाव में विराजमान रहने वाले हैं। इससे पारिवारिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है। आर्थिक और संपत्ति संबंधित विवाद बड़ा मुद्दा बन सकते हैं और इनको लेकर परिवार में कुछ अशांति हो सकती है। आपके ऊपर देवगुरु बृहस्पति की कृपा बनी रहेगी जिससे आप ठंडे दिमाग से सही निर्णय लेने में कामयाब रहेंगे और इसी से घर की सुख शांति को बनाए रखने में आपका प्रयास सफल हो सकता है। पिताजी का स्वास्थ्य भी पीड़ित रहने की संभावना है इसलिए उनकी सेहत का बराबर ध्यान रखें और आवश्यक होने पर चिकित्सक से मिलें। भाई बहनों से आपके संबंध अच्छे रहेंगे उनसे प्रेम बढ़ेगा वे कुछ मूडी स्वभाव के होंगे लेकिन आपसे उनकी बॉन्डिंग अच्छी होगी।
उपाय
आपको शनिवार के दिन महाराज श्री दशरथ कृत नील शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
आपके लिए श्री शनि देव जी महाराज के किसी भी मंत्र का जाप करना परम लाभदायक रहेगा।
शुक्रवार के दिन छोटी कन्याओं के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लें।
दशमी तिथि को शमी का वृक्ष लगाएं और उसको जल से सिंचित करें।




कुम्भ का मासिक राशिफल / Kumbha Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
कुंभ राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना अनुकूलता लेकर आने वाला है। आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा और पुरानी बीमारियों से राहत मिलने के योग बनेंगे। जहां तक आर्थिक स्थिति की बात है तो आपकी आमदनी में अच्छा ही इजाफा देखने को मिलेगा। धन संचय करने में भी सफलता मिलेगी और आपके रुके हुए काम बनेंगे। भाग्य का सहयोग आपको मिलेगा जिसकी बदौलत आप जीवन में सफलता प्राप्त कर पाएंगे। करियर में अच्छी सफलता मिलेगी। नौकरी में बदलाव हो सकता है। बेरोजगार लोगों को नई नौकरी मिल सकती है। व्यापार करने वाले जातकों को सरकारी क्षेत्र से भी अच्छे लाभ के योग बन सकते हैं। विद्यार्थी वर्ग की बात करें तो आपको अपनी पढ़ाई को लेकर ज्यादा सजग रहने की आवश्यकता पड़ेगी। क्रोध में आकर किसी से भी लड़ाई झगड़ा ना करें और अपनी सेहत पर ध्यान दें जिससे कि आपकी पढ़ाई नकारात्मक रूप से प्रभावित होने से बच सके। आपके पास करने के लिए बहुत कुछ है बस आपकी मेहनत पर भरोसा रखें। पारिवारिक जीवन में थोड़े बहुत उतार-चढ़ाव के बावजूद शांति और सफलता देखने को मिलेगी। परिजनों के बीच आपसी प्रेम रहेगा। प्रेम संबंधों में यह महीना कुछ तनाव बढ़ा सकता है। जुबानी जंग होने से आपको एक दूसरे से कुछ परेशानी हो सकती है। धैर्य से काम लेना आवश्यक होगा। विवाहित जातकों के लिए यह महीना मध्यम रहने वाला है। आपसी अहम के टकराव को दूर रखेंगे तो अपने रिश्ते को संभाल पाएंगे।
कार्यक्षेत्र
यदि विद्यार्थियों की बात करें तो महीने की शुरुआत में मंगल महाराज आपके पंचम भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आपकी एकाग्रता में कुछ कमी रहेगी और इससे आपको पढ़ाई में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन यह अल्प समय के लिए ही रहेगा। आपके अंदर मेहनत करने की इच्छा जागेगी और आप खूब कठिन परिश्रम करेंगे और अपनी शिक्षा को और बेहतर बनाने की दिशा में आपका प्रयास सफल होगा। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को कठिन चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है और आपको किसी परीक्षा के लिए कठिन प्रश्न पत्र मिल सकता है इसलिए अपनी तैयारी को पूरा रखें। उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को महीने के पूर्वार्ध में कुछ समस्याएं महसूस होगी इसलिए आप थोड़ी सी सावधानी जरूर रखें। लेकिन महीने के उत्तरार्ध में जब शुक्र तुला राशि में 18 सितंबर को आपके नवम भाव में आ जाएंगे तब स्थितियां बदलने लगेगी और आपको उत्तम लाभ होगा। शिक्षा के क्षेत्र में आपको अच्छी सफलता मिलेगी और उच्च शिक्षा लाभदायक साबित होगी। विदेश जाकर पढ़ने वाले विद्यार्थियों को यह समय मेहनत से बिताना होगा।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना मध्यम रूप से फलदायक रहने वाला है। दूसरे भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति चतुर्थ भाव में पूरे महीने बने रहेंगे और वहां से आपके अष्टम भाव दशम भाव और द्वादश भाव को देखेंगे जिससे आपके अच्छे खर्च करेंगे और आर्थिक रूप से समझदार बनेंगे। दूसरे भाव में राहु महाराज पूरे महीने विराजमान रहकर आपको धन संचय करने में कुछ परेशानियां खड़ी कर सकते हैं। आप धन खर्च करने के बारे में नई-नई युक्तियां सोचेंगे लेकिन धन को बचाना कैसे है इसको सोचने में आपको समय लगेगा। हालांकि एक अच्छी बात यह रहेगी कि पूरे ही महीने मंगल महाराज आपके पंचम भाव में विराजमान रहकर एकादश भाव को पूर्ण सप्तम दृष्टि से देखेंगे जिससे आपकी आमदनी में लगातार वृद्धि करते रहेंगे और मंगल की अष्टम दृष्टि आपके द्वादश भाव पर होगी जो आपके खर्चों में कटौती करने में सफल रहेगी। बुध महाराज महीने की शुरुआत में छठे भाव में रहकर द्वादश भाव को देखेंगे जिससे कुछ खर्च होंगे लेकिन वह 4 सितंबर से आपके सप्तम भाव में आकर खर्च में नियंत्रण की स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। उसके बाद बुध और सूर्य दोनों ही महीने के उत्तरार्ध में अष्टम भाव में होंगे जिससे धन संबंधित समस्याएं सामने आ सकती हैं। आपको धन का निवेश सोच समझकर करना होगा। शुक्र महाराज 18 सितंबर से आपके नवम भाव में आएंगे जो आपके भाग्य को मजबूत बनाएंगे और आर्थिक स्थिति को ठीक करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। आपको महीने के पूर्वार्ध में अपने गुप्त खर्चों से परहेज करना चाहिए क्योंकि वही आने वाले उत्तरार्ध में समस्या खड़ी कर सकते हैं।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ा उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। वैसे तो आपके राशि स्वामी शनि‌देव जी आपकी राशि में ही रहेंगे लेकिन वह वक्री अवस्था में होंगे और वर्ष की शुरुआत से लेकर 16 सितंबर तक वह वक्री अवस्था में रहेंगे इसलिए आप जहां भी काम करते होंगे वहां आपके ऊपर काम का दबाव रहेगा जिससे आपको थकान की शिकायत हो सकती है। इसके अतिरिक्त महीने की शुरुआत में बुध महाराज छठे भाव में, शुक्र महाराज केतु के साथ अष्टम भाव में और सूर्य महाराज सप्तम भाव में विराजमान रहकर आपके स्वास्थ्य को पीड़ित कर सकते हैं इसलिए महीने का पूर्वार्ध ज्यादा कमजोर दिखाई दे रहा है। हालांकि उत्तरार्ध में देखें तो सूर्य 16 सितंबर से अष्टम भाव में आएंगे और बुध 23 सितंबर से अष्टम भाव में आएंगे। यह स्थिति भी स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं कहीं जा सकती है इसलिए पूरे ही महीने आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। आपको पेट से जुड़ी समस्याएं ज्यादा परेशान कर सकती हैं और जो लोग पहले से किसी हृदय रोग से पीड़ित हैं उन्हें ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए। अत्यधिक पदार्थ के सेवन से बचें और भोजन में प्रोटीन की मात्रा संतुलित रूप से लें इससे कुछ समस्याएं कम हो सकती हैं।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो आपके लिए यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता है। पंचम भाव के स्वामी बुध महाराज स्वयं छठे भाव में महीने की शुरुआत में स्थित होंगे और मंगल महाराज पंचम भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आप और आपकी प्रियतम के बीच कहासुनी होने और झगड़ा होने की नौबत आ सकती है। जुबानी जंग आपके बीच अहम का टकराव भी कर सकती है जिसका असर आपके रिश्ते को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है इसलिए आपको परिस्थितियों को देखकर ही बातचीत करनी चाहिए। 4 सितंबर को बुध महाराज सिंह राशि में आपके सप्तम भाव में जाएंगे। वह समय थोड़ा सा अनुकूलता लेकर आएगा और तब आप अपने प्रियतम से अपने रिश्ते की बात कर सकते हैं। उसके बाद 23 सितंबर को बुध कन्या राशि में आपके अष्टम भाव में जाएंगे। वह समय आपके प्रेम संबंधों को अनुकूलता देगा और तब आप एक दूसरे के प्यार में पूरी तरह से डूब जाने की स्थिति में रहेंगे और आपका रिश्ता परिपक्व होगा। यदि विवाहित जातकों की बात करें तो महीने की शुरुआत में आपकी राशि में बैठे वक्री शनिदेव की दृष्टि सप्तम भाव पर रहेगी और सप्तम भाव में सूर्य महाराज विराजमान रहेंगे। सूर्य और शनि का यह समसप्तक योग वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में आप और आपके जीवनसाथी के मध्य तनाव और टकराव की स्थिति में बार-बार बनती रहेगी इसलिए आपको थोड़ी सी सावधानी रखनी चाहिए। 16 सितंबर से सूर्य महाराज कन्या राशि में आपके अष्टम भाव में चले जाएंगे। तब इन परिस्थितियों में कुछ हद तक सुधार देखने को मिलेगा। बुध महाराज आपके सप्तम भाव में 4 सितंबर को आ जाएंगे तो आपके जीवन साथी अनेक ऐसी बातें करेंगे जो आपके दिल को छू जाएगी और आपका रिश्ता मित्रवत हो जाएगा लेकिन सूर्य के राहु केतु के प्रभाव में आकर अष्टम भाव में पीड़ित होने से ससुराल पक्ष से भी कहा सुनी हो सकती है इसलिए इस महीने को शांतिपूर्वक व्यतीत हो जाने दें और धैर्य रखें। इसी से आप अपने वैवाहिक जीवन की रक्षा कर पाएंगे और अपने वैवाहिक जीवन का लुत्फ उठा पाएंगे। आपको अपने जीवन साथी को महत्व देते हुए उनकी बातों को सुनना और समझना चाहिए और यदि किसी बात पर मतभेद हो तो उसे मतभेद बनाने से बचना चाहिए।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर अनुकूल रहने की संभावना है लेकिन दूसरे भाव में राहु की उपस्थिति उतार-चढ़ाव की स्थितियों को भी जन्म देगी इसलिए जितना हो सके सावधानी से चलें और अपनी परिस्थितियों को अनुकूल होने का इंतजार ना करें बल्कि अपने पारिवारिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए खुद ही प्रयास करें। पूरे महीने राहु आपके दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे। इसके अतिरिक्त अष्टम भाव में महीने के पूर्व में शुक्र भी उपस्थित रहेंगे जो द्वितीय भाव को देखेंगे। इससे कुछ समस्याएं बनी रह सकती हैं। सूर्य भी 16 सितंबर को कन्या राशि में आपके अष्टम भाव में जाएंगे और वहां से आपके द्वितीय भाव को देखेंगे। इस प्रकार राहु केतु के प्रभाव में सूर्य का होना भी जीवनसाथी की वजह से परिवार में कुछ समस्या आ सकती है लेकिन यह उनके द्वारा किए गए किसी गलती की वजह से नहीं होगा। यह गलतफहमी की वजह से हो सकता है इसलिए परिवार की शांति को बनाए रखने की कोशिश करें। दूसरे भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति महाराज पूरे महीने आपके चतुर्थ भाव में रहकर माता-पिता के स्वास्थ्य को अनुकूल बनाएंगे। घर में सुख शांति बनाए रखने में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। शुक्र महाराज 18 सितंबर को नवम भाव में चले जाएंगे तब पारिवारिक सुखों में बढ़ोतरी होगी। आप परिवार के लोगों के साथ कहीं लंबी दूरी की यात्रा पर कहीं घूमने फिरने जा सकते हैं जिससे परिवार का माहौल हल्का हो जाएगा और सब के बीच प्रेम रहेगा। भाई बहनों से आपके संबंध मित्रवत रहेंगे और वह आपसे भरपूर प्रेम करेंगे। परिवार की आर्थिक स्थिति में इजाफा होगा।
उपाय
आपको शनि देव के बीज मंत्र का प्रतिदिन जाप करना चाहिए।
बुधवार के दिन गौ माता को साबुत मूंग अपने हाथों से खिलानी चाहिए।
शुक्रवार के दिन छोटी कन्याओं के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
आपको मां महालक्ष्मी के मंदिर जाकर गुड़हल का लाल पुष्प माता जी को अर्पित करना चाहिए।




मीन का मासिक राशिफल / Meena Masik Rashifal in Hindi

September, 2024
सामान्य
यह महीना मीन राशि के जातकों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा महीना रहने की संभावना है। आपकी राशि में पूरे महीने राहु महाराज की उपस्थिति होने से आपको सही और गलत में पहचान करने में समस्या हो सकती है। इस कारण से आप अपने मित्रों के बुरे बन सकते हैं इसलिए अपनी वाणी पर संयम रखें और जो कुछ कहे उसे पूरा अवश्य करें। किसी से झूठा वादा करने से बचें। करियर के क्षेत्र में यह महीना ठीक-ठाक रहेगा। आपको यात्राओं से और अपने साथ काम करने वाले सहकर्मियों से लाभ होगा। व्यापार में उतार-चढ़ाव के बीच लाभ के योग बनेंगे। पारिवारिक संबंधों में तनाव के बावजूद स्थिति में संयम रहेगा और आपसी सामंजस्य कायम रहने की स्थिति बनेगी। प्रेम संबंधी मामलों में आप खुश नसीब रहेंगे। महीने की शुरुआत बहुत अच्छी रहेगी। विवाहित जातकों की बात करें तो रिश्ते में रोमांस होने के बावजूद आपसी समझदारी का अभाव हो सकता है। जिसके कारण आपसी संघर्ष बढ़ने की स्थिति बनी रहेगी। आपको इस पर ध्यान देना होगा नहीं तो रिश्ते में टूटने की स्थिति भी बन सकती है। विद्यार्थी जातकों के लिए महीना अच्छा रहेगा। आपकी मेहनत आपको अच्छी सफलता प्रदान कर सकती है और किसी प्रतियोगिता परीक्षा में आपका चयन भी हो सकता है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महीना कमजोर रहने की संभावना है। आपको सावधानियां रखनी होगी नहीं तो सेहत बिगड़ सकती है। आर्थिक चुनौतियां भी आपको घेरे रखेंगी और आपके खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना मध्य रहने की संभावना है। यदि आप नौकरी करते हैं तो आपको अपने साथ काम करने वाले सहकर्मियों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। देवगुरु बृहस्पति जो कि आपके दशम भाव के स्वामी है पूरे महीने तीसरे भाव में विराजमान रहेंगे। आप जितनी मेहनत करेंगे उसके अनुपात में आपको लाभ मिलेगा लेकिन आपको अपने आलस्य की प्रवृत्ति से बचना होगा क्योंकि इसकी वजह से आप अनेक समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। आपके सहकर्मी आपको हर काम में मदद करेंगे और आपके काम को सही समय पर सही तरीके से पूरा होने में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहेगा। छठे भाव के स्वामी सूर्य महाराज महीने के पूर्वार्ध में षष्ठ भाव में ही विराजमान रहेंगे जिससे आप विरोधियों को पटखनी देंगे और चुनौतियों को दरकिनार कर अपने कार्यक्षेत्र में सफलता अर्जित करेंगे। महीने के उत्तरार्ध में 16 सितंबर को सूर्य सप्तम भाव में चले जाएंगे जहां पर पहले से ही केतु विराजमान है और उनके ऊपर मंगल और बृहस्पति की दृष्टि भी होगी जिससे नौकरी में अच्छी पदोन्नति के योग बन सकते हैं। बस आपको अपने काम को और बेहतर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास करते रहना होगा। व्यापार करने वाले जातकों की बात करें तो यह महीना अनेक चुनौतियों के बावजूद लाभ प्रदान कर सकता है। सप्तम भाव में शुक्र महाराज केतु महाराज के साथ विराजमान होंगे और उन पर मंगल और बृहस्पति की दृष्टि होगी। कुछ समस्याओं के बावजूद आप अपने व्यावसायिक साझेदार से अच्छे संबंध कायम रखने में सफल रहेंगे और इससे आपके व्यापार में सफलता के योग बनेंगे। महीने की शुरुआत में सप्तम भाव के स्वामी बुध महाराज पंचम भाव में विराजमान रहकर आपकी आमदनी को बढ़ाएंगे और व्यापार में उन्नति देंगे। 4 सितंबर से बुध सिंह राशि में छठे भाव में जाएंगे जिससे व्यापार व्यावसायिक पूंजी निवेश होगा। विदेशी संपर्कों का लाभ मिलेगा और 23 सितंबर से बुध कन्या राशि में आपके सप्तम भाव में ही आ जाएंगे। जिससे व्यापार में आशातीत सफलता मिलने के प्रबल योग बन जाएंगे और आपको अनुकूलता प्राप्त होगी।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। महीने की शुरुआत में बुध महाराज पंचम भाव में बैठकर एकादश भाव को पूर्ण स्वतंत्र दृष्टि से देखेंगे जिससे आपको व्यापार से और अन्य स्थितियों से लाभ प्राप्त हो सकता है। इसके अधिक देवगुरु बृहस्पति महाराज पूरे महीने तीसरे भाव में बैठकर आपके एकादश भाव को देखेंगे और आपकी आर्थिक उन्नति करेंगे। मंगल महाराज चौथे भाव में बैठकर पारिवारिक धन से कोई नई संपत्ति अर्जित करने में सफलता प्रदान कर सकते हैं। कोई अचल संपत्ति खरीदने के योग भी बन सकते हैं और मंगल की दृष्टि आपके सप्तम और एकादश भाव पर होने से व्यापार में सफलता और अच्छे आर्थिक लाभ के योग बनेंगे लेकिन महीने की शुरुआत में सूर्य महाराज छठे भाव से द्वादश भाव पर दृष्टि डालेंगे जिससे कुछ खर्च होंगे लेकिन सरकारी क्षेत्र से लाभ मिल सकता है। लेकिन वक्री शनि महाराज पूरे महीने आपके द्वादश भाव में बने रहकर आपके लगातार खर्चों को बनाए रखेंगे जिन्हें नियंत्रण में रखना आपके लिए टेढ़ी खीर समान होगा इसलिए आपको इन पर ध्यान देना होगा। महीने के उत्तरार्ध में बुध और सूर्य भी छठे भाव से निकलकर सप्तम भाव में आ चुके होंगे जिससे खर्चों पर और ज्यादा नियंत्रण बन सकता है। फिर भी कुछ ना कुछ खर्च रहेंगे जिन पर आपको ध्यान देना होगा। राहु आपके ही राशि में विराजमान रहकर आपको अव्यवस्थित बना सकते हैं इसलिए यह देखें कि कहां आप गलत जा रहे हैं, उन स्थितियों को संभाले ताकि अच्छी आर्थिक स्थिति बनी रह सकें।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ज्यादा अनुकूल दिखाई नहीं दे रहा है। आपकी राशि स्वामी तीसरे भाव में विराजमान रहेंगे जो ज्यादा अनुकूल और ज्यादा प्रतिकूल दोनों ही रूप से नहीं कहा जा सकता। यह एक मध्य स्थित है लेकिन आपकी राशि में पूरे महीने राहु का उपस्थित होना यह दर्शाता है कि आप अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो सकते हैं और स्वयं के प्रति लापरवाही बरतना आपके स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं रहेगा और आप बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। शनि महाराज वक्री अवस्था में पूरे महीने आपके द्वादश भाव में बने रहकर स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं। आपके पैरों में चोट लग सकती है अथवा मोच लगने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आंखों से एलर्जी और आंखों की संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त कंधों में, जोड़ों में दर्द और संधिवात जैसी स्थिति जन्म ले सकती है आपको सावधानी रखनी होगी। यह महीना कमजोर हो सकता है। आप स्वयं ही अपना ध्यान रखकर स्वयं को बेहतर बना सकते हैं।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो आपके लिए यह महीना ठीक-ठाक रहने की संभावना है। महीने की शुरुआत में बुध महाराज आपके पंचम भाव में विराजमान रहेंगे जो आपके प्रेम प्रदर्शन को मजबूत बनाएंगे। आप अपने प्यार का भरपूर इजहार करेंगे जिससे आपकी प्रियतम के दिल में आपके लिए विशेष जगह बनेगी। आपसी मीठी बातों से आपका रिश्ता और परिपक्व होगा। 4 सितंबर से यही बुध छठे भाव में चले जाएंगे जिससे कुछ कहासुनी और आपसी संघर्ष हो सकता है। एक दूसरे को उल्टी सीधी बातें कह सकते हैं इस दौरान आपका कोई मित्र सहयोगी की भूमिका निभाएगा और आपके रिश्ते को और बेहतर बनाने में आपकी मदद करेगा। महीने के उत्तरार्ध में स्थितियां ठीक-ठाक रहेंगी लेकिन यह महीना आपको यह समझाएगा की आपको एक दूसरे को पर्याप्त समय और महत्व देना चाहिए क्योंकि रिश्ते के लिए दोनों ही आवश्यक है और दोनों की सोच समझ और आपसी सामंजस्य की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। विवाहित जातकों की बात करें तो महीने के पूर्वार्ध में शुक्रवार केतु एक साथ सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे और उनके ऊपर मंगल और बृहस्पति की दृष्टि रहेगी इसलिए रिश्ते में रोमांस भी होगा लेकिन कहा सुनी और शक तथा गलतफहमी भी जन्म ले सकती है। लेकिन बृहस्पति महाराज की कृपा से रिश्ता बना रहेगा। 18 सितंबर से शुक्र भी तुला राशि में अष्टम भाव में चले जाएंगे जिससे ससुराल में किसी शादी पार्टी या फंक्शन में शामिल होने का मौका मिल सकता है। पारिवारिक जीवन में संतुष्टि आएगी। आपको अपने जीवनसाथी से कुछ बातों को स्पष्ट कर लेना चाहिए जो आपके मन में बहुत लंबे समय से चली जा रही हैं। बुध 23 सितंबर से सप्तम भाव में आकर आपके रिश्ते को और मजबूत बनाएंगे।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर मध्य रूप से फलदायक रहने की संभावना है। दूसरे भाव के स्वामी मंगल महाराज पूरे महीने आपके चतुर्थ भाव में विराजमान होंगे इससे कुटुंब के लोगों का पूरा ध्यान आपके मकान पर और आपकी संपत्ति पर हो सकता है। इसको लेकर कुछ विचार विमर्श भी हो सकते हैं और मुंह जुबानी जरूर हो सकती है। द्वादश भाव में बैठे वक्री शनि की दृष्टि पूरे महीने दूसरे भाव पर होने से आपको बाहरी व्यक्तियों के परिवार में हस्तक्षेप से बचना चाहिए अन्यथा समस्याएं हो सकती हैं। आपके दादा और परदादा के माध्यम से आपको कुछ धन प्राप्त होने और पारिवारिक संपत्ति प्राप्त होने के योग बन सकते हैं लेकिन परिवार में कुछ अशांति बनी रह सकती है। चौथे भाव के स्वामी बुध महाराज महीने की शुरुआती चार दिनों में पंचम भाव में, उसके बाद 23 सितंबर तक छठे भाव में और फिर 23 सितंबर से सप्तम भाव में रहेंगे जिससे महीने की शुरुआत पारिवारिक जीवन में सुख और शांति लेकर आएगी। महीने के मध्य में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। माता जी का स्वास्थ्य पीड़ित हो सकता है और पारिवारिक विवाद जन्म ले सकते हैं। महीने के अंतिम दिनों में स्थितियां अनुकूल हो जाएंगी और पारिवारिक जीवन में सुधार होगा तथा आपसी संघर्ष कम होंगे और सामंजस्य बढ़ेगा। मंगल महाराज की उपस्थिति पूरे महीने चतुर्थ भाव में रहने से आपको पारिवारिक संपत्ति को लेकर किए गए प्रयासों में सफलता मिल सकती है। परिवार के लिए कोई नया भवन खरीदा जा सकता है। देवगुरु बृहस्पति की कृपा से भाई बहनों का प्रेम आपके साथ बना रहेगा और उनसे आपके संबंध में तीव्रत रहेगी। आपके व्यापार में भी उनका सहयोग बना‌ रहेगा।
उपाय
आपको एक अच्छी गुणवत्ता वाला पुखराज रत्न सोने की मुद्रिका में जड़वा कर शुक्ल पक्ष के गुरुवार को दोपहर के समय में अपनी तर्जनी अंगुली में धारण करना चाहिए।
उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करें।
किसी बड़ी समस्या या संकट से जूझ रहे हैं तो श्री कालभैरव अष्टक का पाठ अवश्य करें।
आपको शनिवार के दिन चमेली के तेल का दीपक जलाकर संध्या काल में सात बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना परम लाभदायक रहेगा।

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