News & Updates 

+91 83491-59668

Type Here to Get Search Results !

Durga Chalisa: दुर्गा चालीसा के पाठ से पाएं शत्रुओं पर विजय और आर्थिक उन्नति

Durga Chalisa: दुर्गा चालीसा के पाठ से पाएं शत्रुओं पर विजय और आर्थिक उन्नति


दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) का पाठ करना व्यक्ति के जीवन की समस्त परेशानियों को दूर कर देता है। माता दुर्गा को आदिशक्ति माना जाता है और इन अराधना करना हिंदू धर्म में अति शुभ माना गया है। आज अपने इस लेख में हम आपको दुर्गा चालीसा पाठ के बारे में बताएंगे और साथ ही इसका महत्व समझाएंगे। 

दुर्गा चालीसा पाठ 

नमो नमो दुर्गे सुख करनी।

नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी।

तिहूं लोक फैली उजियारी॥

शशि ललाट मुख महाविशाला।

नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥

रूप मातु को अधिक सुहावे।

दरश करत जन अति सुख पावे॥

तुम संसार शक्ति लै कीना।

पालन हेतु अन्न धन दीना॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला।

तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी।

तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥

रूप सरस्वती को तुम धारा।

दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।

परगट भई फाड़कर खम्बा॥

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।

हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।

श्री नारायण अंग समाहीं॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा।

दयासिन्धु दीजै मन आसा॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।

महिमा अमित न जात बखानी॥

मातंगी अरु धूमावति माता।

भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी।

छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥

केहरि वाहन सोह भवानी।

लांगुर वीर चलत अगवानी॥

कर में खप्पर खड्ग विराजै।

जाको देख काल डर भाजै॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला।

जाते उठत शत्रु हिय शूला॥

नगरकोट में तुम्हीं विराजत।

तिहुंलोक में डंका बाजत॥

शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।

रक्तबीज शंखन संहारे॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी।

जेहि अघ भार मही अकुलानी॥

रूप कराल कालिका धारा।

सेन सहित तुम तिहि संहारा॥

परी गाढ़ संतन पर जब जब।

भई सहाय मातु तुम तब तब॥

अमरपुरी अरु बासव लोका।

तब महिमा सब रहें अशोका॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।

तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें।

दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।

जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।

योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥

शंकर आचारज तप कीनो।

काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।

काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥

शक्ति रूप का मरम न पायो।

शक्ति गई तब मन पछितायो॥

शरणागत हुई कीर्ति बखानी।

जय जय जय जगदम्ब भवानी॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।

दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो।

तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥

आशा तृष्णा निपट सतावें।

रिपू मुरख मौही डरपावे॥

शत्रु नाश कीजै महारानी।

सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥

करो कृपा हे मातु दयाला।

ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।

जब लगि जिऊं दया फल पाऊं ।

तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥

दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।

सब सुख भोग परमपद पावै॥

देवीदास शरण निज जानी।

करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥

माता दुर्गा का हिंदू धर्म में स्थान

देवी दुर्गा अष्टभुजाओं वाली हैं। इनके हाथों में अस्त्र हैं। उनकी सवारी सिंह है। माता दुर्गा को महिषासुरमर्दिनी भी कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिषासुर नाम के राक्षस का वध किया था। माता दुर्गा के ज्योतिर्लिंगों को सिद्धपीठ के नाम से जाना जाता है। इनके कई रूप हैं जिनमें लक्ष्मीस पार्वती और सावित्री प्रमुख हैं। हिंदु धर्म में इन्हें शक्ति स्वरूपा माना जाता है और भक्त जीवन में हर प्रकार की विपदाओं से बचने के लिए इनकी अराधना करते हैं। खासकर नवरात्रि के दौरान माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। 

दुर्गा चालीसा पाठ विधि

माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाता है। हालांकि इसका शुभ फल तभी प्राप्त होता है जब इसे सही विधि से किया जाए। आइए जानते हैं दुर्गा चालीसा(Durga Chalisa) का पाठ की सही विधि क्या है। 

  • दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। 
  • इसके बाद साफ वस्त्र धारण करके पूजा स्थल की भी सफाई करनी चाहिए। 
  • पूजा स्थल की सफाई के बाद एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर वहां माता दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर रखनी चाहिए। 
  • इसके उपरांत धूप-दीप जलाना चाहिए। 
  • तत्पश्चात माता को फूल अर्पित करने चाहिए। 
  • इसके बाद शुद्ध मन से दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। 

दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) पाठ के लाभ

मां दुर्गा (Maa Durga) की जो भी पूजा करता है और दुर्गा चालीसा का पाठ करता है वह माता की कृपा पाता है और कई लाभ प्राप्त करता है। दुर्गा चालीसा के पाठ से निम्नलिखित लाभ होते हैं। 

  • इस पाठ को नियमित करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। 
  • यह मानसिक तनाव को दूर करने में भी सहायक है। 
  • दुर्गा चालीसा के पाठ से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। 
  • माता दुर्गा के इस पाठ को करने से आर्थिक समस्याएं भी दूर हो जाती हैं और व्यक्ति को धन लाभ होता है। 
  • नियमित रूप से दुर्गा चालीसा का पाठ मन की चंचलता को भी दूर करता है। 

दुर्गा चालीसा का संक्षिप्त अर्थ

माता दुर्गा (Mata Durga) को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करते हुए भक्त हर्ष और खुशी प्रदान करने वाली माता को नमन करते हैं। माता के गुणों का गुणगान करते हुए भक्त उनकी असीम ज्योति का वर्णन करते हैं। दुर्गा माता ही ऋषि-मुनियों को सरस्वती रूप में बुद्धि और ज्ञान प्रदान करती हैं। माता दुर्गा ही लक्ष्मी रूप हैं और भक्तों की रक्षा करने वाली दयामय देवी हैं। भक्त दुर्गा चालीसा का पाठ करते हुए यह कामना करते हैं कि, परम दयालु माता हम पर कृपा करें हमें धन-धान्य से पूर्ण करें। जब तक भी जीवन हो माता अपनी दया हम पर बनाए रखें। जो भी व्यक्ति दुर्गा चालीसा का पाठ रोजाना करता है उसे हमेशा सुख और उच्च पद की प्राप्ति होती है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.