News & Updates 

+91 83491-59668

Type Here to Get Search Results !

गोमेद रत्न - Gomed Stone

 

गोमेद रत्न - Gomed Stone

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गोमेद को राहु का रत्न कहा जाता है। गारनेट समूह का रत्न होने की वजह से इसे हिन्दी में गोमेद जबकि अंग्रेजी में हैसोनाइट स्टोन कहते हैं। यह सामान्यत: शहद के रंग जैसा होता है और गहरे भूरे या लाल रंग की तरह प्रतीत होता है। गोमेद रत्न में क्रूर और शक्तिशाली राहु ग्रह की ऊर्जा होती है। राहु का कलयुग में अधिक महत्व और प्रभाव है। इस वजह से गोमेद एक प्रभावशाली रत्न है, जो राहु ग्रह के दोषों को दूर करता है।

गोमेद रत्न के फायदे

गोमेद एक बहुत शक्तिशाली रत्न है और कई मामलों में लाभकारी होता है। इनमें शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक मामले शामिल हैं। गोमेद के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

  • गोमेद रत्न उन लोगों के लिए विशेष लाभकारी है जो काल सर्प दोष से पीड़ित हैं। यदि यह किसी व्यक्ति के लिए उपयुक्त रहता है तो काल सर्प दोष से होने वाले बुरे प्रभावों से बचाव करता है।
  • गोमेद उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो राजनीति, जन संपर्क, दलाली से जुड़े व्यवसाय और प्रबंधन से संबंधित कार्य करते हैं। क्योंकि गोमेद के प्रभाव से शक्ति, सफलता और धन की प्राप्ति होती है।
  • यदि जन्म कुंडली में राहु की महादशा और अंतर्दशा के समय कोई व्यक्ति गोमेद रत्न पहनता है तो राहु ग्रह के बुरे प्रभावों से उसकी रक्षा होती है।
  • वे लोग जो पेट संबंधी विकार, सुस्त उपापचय से परेशान हैं उनके लिए गोमेद धारण करना फायदेमंद होता है। क्योंकि यह स्वास्थ्य और शक्ति को भी दर्शाता है।
  • गोमेद के प्रभाव से विरोधियों पर विजय मिलती है और मन में आने वाले निराशावादी विचार भी दूर होते हैं।
  • गोमेद रत्न को धारण करने से भ्रम दूर होता है, वैचारिक पारदर्शिता आती है और राहु की दशा अवधि में सुख प्राप्त होता है।
  • गोमेद धारण करने से भय की भावना दूर होती है और किसी भी कार्य को करने के लिए आत्म विश्वास, प्रेरणा व शक्ति मिलती है।

गोमेद रत्न के नुकसान

गोमेद या हैसोनाइट स्टोन राहु से संबंधित रत्न है। चूंकि राहु एक क्रूर ग्रह है ऐसे में यदि इस रत्न को बिना किसी ज्योतिषीय परामर्श और विधिवत तरीके से धारण नहीं किया जाता है तो यह अशुभ फल भी प्रदान कर सकता है। इनमें कुछ बुरे प्रभाव इस प्रकार हैं:

  • ऐसी मान्यता है कि महिलाएं अगर कम चमकीला गोमेद पहनती हैं तो उसके बुरे प्रभाव सामने आते हैं।
  • यह भी माना जाता है कि कम चमकीला गोमेद धारण करने से व्यक्ति की प्रतिष्ठा और व्यक्तित्व पर बुरा असर पड़ता है।
  • यदि कोई व्यक्ति बहुरंग वाला गोमेद रत्न धारण करता है, तो उसे स्वास्थ्य और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • वह गोमेद रत्न जिस पर गहरे दाग होते हैं, यह दुर्भाग्य या दुर्घटना की संभावना को दर्शाता है।

गोमेद रत्न कब धारण करना चाहिए?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार हर व्यक्ति को एक उपयुक्त समय पर गोमेद धारण करना चाहिए। हैसोनाइट या गोमेद रत्न को शनिवार के दिन स्वाति, आर्द्रा अथवा शतभिषा नक्षत्र में पहनना चाहिए। इसके अतिरिक्त आप शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार को शनि की होरा में गोमेद पहन सकते हैं। गोमेद को केवल चाँदी की अंगूठी या लॉकेट में ही पहनना चाहिए। कुछ मामलों में ज्योतिषीय परामर्श के बाद पंच धातु के मिश्रण से तैयार अंगूठी में भी गोमेद रत्न को डालकर पहना जा सकता है।

Gomed गोमेद अभी आर्डर करे -: गोमेद 

ज्योतिषीय विश्लेषण

गोमेद रत्न मुख्यत: राहु ग्रह से संबंधित मामलों में ही पहना जाता है। वे व्यक्ति जो सफलता, धन वृद्धि और भाग्यशाली होने की इच्छा रखते हैं, उन्हें ज्योतिषीय परामर्श के बाद गोमेद अवश्य पहनना चाहिए।

 भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा Astro Om Trivedi Ji से बात करके

सबसे पहले अपडेट पाने के लिए Omasttro के WhatsApp चैनल से जुड़े -: Join 

(सूचना: हम सभी पाठकों को यह सुझाव देते हैं कि कोई भी रत्न पहनने से पहले एक बार किसी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।)

मेष

जब राहु की कोई दशा चल रही हो और वह आपकी कुंडली में द्वितीय,तृतीय,दशम या एकादश भाव में स्थित हो, तो इस स्थिति में गोमेद धारण किया जा सकता है।

वृषभ

इस राशि के वे व्यक्ति जिनकी कुंडली में राहु तृतीय, षष्ठम, नवम, दशम या एकादश भाव में स्थित हो, वे लोग गोमेद रत्न पहन सकते हैं।

मिथुन

इस राशि के वे लोग जिनकी जन्म कुंडली में राहु प्रथम, षष्ठम, नवम या एकादश भाव में स्थित हो, वे सभी ट्रायल के तौर पर गोमेद रत्न 3 दिन के लिए धारण कर सकते हैं।

कर्क

वे लोग जिनकी जन्म कुंडली में राहु तृतीय, दशम या एकादश भाव में स्थित है, वे सभी गोमेद को ट्रायल के तौर पर 3 दिन तक पहन सकते हैं। याद रखें गोमेद रत्न राहु की दशा के समय तक ही पहना जाता है ना कि जीवनभर के लिए।

सिंह

इस राशि के वे सभी जातक जिनकी जन्म कुंडली में राहु तृतीय, षष्ठम, दशम या एकादश भाव में स्थित है, वे लोग 3 दिन की परीक्षण अवधि के लिए गोमेद पहन सकते हैं। ध्यान रखें गोमेद रत्न को राहु की दशा अवधि तक ही पहना जाता है, जीवनभर के लिए नहीं।

कन्या

इस राशि के वे सभी जातक जिनकी जन्म कुंडली में राहु प्रथम, पंचम, षष्ठम या दशम भाव में स्थित है, वे लोग गोमेद रत्न पहन सकते हैं।

तुला

वे लोग जिनकी कुंडली में राहु प्रथम, षष्ठम या दशम स्थान में बैठा है, उन्हें गोमेद रत्न परीक्षण अवधि के तौर पर 3 दिन के लिए पहनना चाहिए।

वृश्चिक

इस राशि के जातकों की कुंडली में यदि राहु तृतीय, षष्ठम, दशम या एकादश भाव में स्थित हो तो, उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए। हालांकि गोमेद को जीवनभर के लिए नहीं बल्कि राहु की दशा की समय अवधि तक ही पहनना चाहिए।

धनु

वे व्यक्ति जिनकी कुंडली में राहु तृतीय, षष्ठम, सप्तम, दशम या एकादश भाव में स्थित है, उन्हें गोमेद रत्न अवश्य पहनना चाहिए।

मकर

इस राशि से संबंधित जिन लोगों की जन्म कुंडली में राहु प्रथम, षष्ठम, सप्तम,नवम या एकादश भाव में स्थित है, वे सभी व्यक्ति गोमेद रत्न पहन सकते हैं।

कुंभ

इस राशि के वे लोग जिनकी कुंडली में राहु चतुर्थ,पंचम,नवम या एकादश भाव में स्थित है, वे सभी व्यक्ति गोमेद रत्न धारण कर सकते हैं। इसके अलावा यदि वे लोग जिनकी कुंडली में राहु द्वादश भाव में बैठा हुआ है, वे सभी व्यक्ति भी गोमेद परीक्षण के तौर पर 3 दिन तक पहन सकते हैं।

मीन

इस राशि के वे जातक जिनकी कुंडली में राहु तृतीय,सप्तम या एकादश भाव में स्थित है, उन्हें गोमेद रत्न परीक्षण के तौर पर 3 दिन के लिए पहनना चाहिए।

गोमेद रत्न की तकनीकी संरचना

गोमेद रत्न जिसे अंग्रेजी में हैसोनाइट स्टोन कहते हैं यह कैल्शियम एल्यूमीनियम (Ca3 Al2 {SiO4}3) का मिश्रित रूप है। इसका घनत्व 3.65 और अपर्वतक सूचकांक में इसकी सीमा 1.742 से 1.748 है। गोमेद या हैसोनाइट गारनेट समूह का रत्न है। दुनियाभर में चूने की खदानें हैसोनाइट स्टोन की प्राप्ति का स्त्रोत है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.